Bharat Ratna: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा लगभग सभी लोगों ने स्वागत किया। इसके साथ ही बाला साहेब ठाकरे और वीर सावरकर को भी भारत रत्न देने की मांग महाराष्ट्र में जोर शोर से उठा खड़ी हुई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने बाला साहेब ठाकरे के लिए भारत रतन की मांग की है। शिवसेना उद्धव गुट ने वीर सावरकर और बाला साहेब के लिए भारत रत्न की घोषणा न करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है।
राज ठाकरे ने सोशल मंच एक्स पर लिखा कि बाला साहेब ठाकरे को भी भारत रत्न घोषित किया जाना चाहिए। देश के एक प्रमुख कार्टूनिस्ट और देशभर के समस्त हिंदुओं की अस्मिता को जागृत करने वाले अद्वितीय नेता इस सम्मान के पात्र हैं । खुद यह मेरे जैसे कई लोगों के लिए उत्साह का क्षण होगा जिन्हें बालासाहेब के विचार विरासत में मिले हैं।
राज ठाकरे ने एक्स पर लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हराव, चौधरी चरण सिंह और भारतीय हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान घोषित किया गया। इस सूची में शामिल एमएस स्वामीनाथन का कुछ महीने पहले ही निधन हो गया था। जिस वैज्ञानिक ने इतना कुछ हासिल किया है उसे अपने जीवनकाल में ही यह सम्मान मिलना चाहिए था। फिर भी केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने पीवी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह और कुछ साल पहले प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने की घोषणा करके राजनीतिक उदारता दिखाई है ।
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि खुद को हिंदुत्ववादी कहने वाली मोदी सरकार एक बार फिर हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे को भूल गई है। पहले 2 और अब 3, एक महीने में 5 नेताओं को भारत रत्न से सम्मानित किया गया लेकिन न तो वीर सावरकर और न ही शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे! दरअसल नियम ये है कि एक साल में अधिकतम 3 लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है।
मोदी ने एक महीने में 5 लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान किया ये चुनावी हलचल है। राउत ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी के बाद चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कुछ और नेताओं का इंतजार है। लेकिन श्री बालासाहेब ठाकरे को क्यों भूले? जिसने पूरे भारत को हिंदू बना दिया । जिसकी वजह से मोदी अयोध्या में राम मंदिर का जश्न मना सके।
गौरतलब है कि आज के फैसले से देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वालों की संख्या 53 हो गई है । भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह समाज के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा या उच्चतम स्तर के प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है।
भारत रत्न के लिए प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को सिफारिश की जाती है। इस पुरस्कार के लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं है। सम्मान के तहत राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक प्राप्त होता है। सम्मान में कोई धनराशि नहीं दी जाती है।