Liquor price hike in Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने आय बढ़ाने के लिए राज्य में देशी और विदेशी शराब की बिक्री पर टैक्स बढ़ा दिया है। सरकार के इस फैसले से राज्य में में देशी, विदेशी शराब और महंगी हो जाएंगी। देशी और विदेशी शराब की बिक्री पर टैक्स बढ़ाने की अनुमति से करीब 14,000 करोड़ रुपये की ज्यादा आय होगी। टैक्स चोरी रोकने और निगरानी प्रणाली मजबूत करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया था।
महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद बियर और वाइन बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली। महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने और बियर और वाइन को इस टैक्स से बाहर रखने के फैसले के बाद सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड, जीएम ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयरों में तेजी देखने को मिली।
बीएसई में जीएम ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयरों में कारोबारी सत्र के दौरान 20 फीसदी तक की तेजी देखने को मिल। बीएसई में जीएम ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयर 10.8 फीसदी, सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड के शेयर 8 फीसदी, एसओएम डिस्टीलिरीस एंड ब्रुअरीज के शेयर 2.6 फीसदीऔर बीसीएल इंडस्ट्रीज के शेयरों में 13 फीसदी की तेजी देखने को मिली। हालांकि यूनाइटेड स्पिरिट्स 6.6 फीसदी, तिलकनगर इंडस्ट्रीज 4.7 फीसदी और एलाइड ब्लेंडर्स के शेयरों में 4.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के राजस्व वृद्धि के उपायों को मंगलवार को मंत्रिमंडल बैठक में मंजूरी दी गई। प्रस्ताव के अनुसार, शराब पर टैक्स बढ़ाने और एमआरपी फार्मूले में बदलाव कर अब 180 मिलीलीटर के देशी शराब का क्वार्टर 80 रुपये, महाराष्ट्र निर्मित शराब (एमएमएल) का क्वार्टर 148 रुपये, भारत में निर्मित विदेशी शराब का क्वार्टर 205 रुपये तथा विदेशी शराब के प्रीमियम ब्रांड के क्वार्टर की कीमत 360 रुपये हो जाएगी।
भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) के 260 रुपये प्रति बल्क लीटर तक के उत्पादन मूल्य वाली घोषित शराब पर उत्पादन शुल्क की दर उत्पादन मूल्य से 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दी है। देशी शराब पर आबकारी शुल्क की दर 180 रुपये प्रति प्रूफ लीटर से बढ़ाकर 205 रुपये कर दिया है।
सरकार के फैसले से राज्य में सभी तरह के शराब की कीमतें बढ़ गई है। 180 मिलीलीटर देशी शराब की उत्पादन शुल्क की दर 70 से बढ़कर 80 रुपये, भारत में निर्मित विदेशी शराब 110-115 रुपये की जगह 205 रुपये, विदेशी शराब के प्रीमियम ब्रांड 210 रुपये की जगह 360 रुपये और महाराष्ट्र निर्मित शराब (एमएमएल) की नई एंट्री 148 रुपये होगी।
कैबिनेट ने अनाज आधारित विदेशी शराब के नए प्रकार महाराष्ट्र मेड लिकर (एमएमएल) के निर्माण को मंजूरी दी है। केवल महाराष्ट्र के शराब उत्पादक ही इसका उत्पादन कर सकेंगे। उन्हें इस नए प्रकार के उत्पाद (ब्रांड) को नए सिरे से पंजीकरण कराना होगा। राज्य में अब विभिन्न सीलबंद विदेशी मदिरा विक्रय लाइसेंस (एफएल-2) तथा लाइसेंसधारी होटल, रेस्टोरेंट (एफएल-3) का करार लीज के आधार पर किया जा सकेगा। इसके लिए वार्षिक लाइसेंस फीस का क्रमशः 15 फीसदी तथा 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
मंत्रिमंडल बैठक में राज्य उत्पादन शुल्क विभाग को मजबूत करने के लिए 744 नई पदों और 479 पर्यवेक्षणीय पदों, कुल 1,223 पदों की संशोधित संरचना को मंजूरी दी गई। इन उपायों के माध्यम से शराब पर उत्पादन शुल्क और बिक्री कर से प्रति वर्ष लगभग 14,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व वृद्धि की संभावना है।