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Maharashtra: पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर

Published by
सुशील मिश्र
Last Updated- March 15, 2023 | 11:02 PM IST

महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। इससे प्रशासन और कई सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है।

राज्य सरकार और नगर निकायों के अस्पतालों में कार्यरत पैरामेडिक, सफाई कर्मी और शिक्षक भी हड़ताल में शामिल हैं। शिक्षक ऐसे समय हड़ताल में शामिल हुए हैं जब राज्य में 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं हो रही हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से हड़ताल पर न जाने की अपील की थी।

कर्मचारी सोमवार को सरकार और कर्मचारी संघों के बीच हुई वार्ता असफल होने के बाद हड़ताल पर गए। कर्मचारियों ने मंगलवार को सरकारी कार्यालयों व अस्पतालों के सामने केवल एक मिशन, बहाल करो पुरानी पेंशन जैसे नारे लगाए।

अधिकारियों ने बताया कि एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वरिष्ठ नौकरशाहों की एक समिति गठित करने की घोषणा की है जो राज्य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने की मांग पर विचार करेगी और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगी। शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी कर्मचारियों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की थी।

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य के विकास में कर्मचारियों की भागीदारी अहम है। जनप्रतिनिधि और प्रशासन यह रथ के दो पहिये हैं। इसलिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग के पीछे जो सिद्धांत है, उसके खिलाफ सरकार नहीं है। सरकार की मानसिकता इसमें से रास्ता निकालने का है।

अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उनकी सामाजिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए चर्चा के माध्यम से रास्ता निकाला जाएगा। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की एक समिति नियुक्त की जाएगी। यह समिति एक निर्धारित समय सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी।

जिन राज्यों ने यह पुरानी सेवानिवृत्ति योजना लागू की है, इसे लेकर उनका भी अभी तक रोडमैप तैयार नहीं हो पाया है। इस योजना के संबंध में राज्य सरकार जो भी नीति अपनाएगी, उसमें सबसे पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होने पाए।

अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी जी डी कुलथे, विनोद देसाई, समीर भाटकर ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए 26 दिसंबर 2022, 1 मार्च और 12 मार्च 2023 को निवेदन दिया।

10 मार्च को मुख्य सचिव के साथ बैठक हुई। सोमवार 13 मार्च को महासंघ कार्यकारिणी की बैठक हुई। यूनियन नेताओं का कहना है कि 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 40 फीसदी है। इन सभी को पुरानी पेंशन मिलना चाहिए। पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करने से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

First Published : March 14, 2023 | 9:02 PM IST