Maha Kumbh 2025: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव महाकुंभ का आज से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आरंभ हो चुका है। आज पौष पूर्णिमा पर कुंभ का पहला शाही स्नान था, जिसमें लगभग पूरी दुनिया से आए हुए 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। कुंभ प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, जर्मनी, अमेरिका, ब्राजील,रूस सहित 20 देशों से श्रद्धालु प्रयागराज आए हुए हैं। श्रद्धालुओं के अंदर आज के स्नान को लेकर इतनी उत्सुकता थी कि कई श्रद्धालु रात से ही संगम में स्नान करना शुरू कर चुके थे।
लगभग 45 दिन तक चलने वाले इस पूरे महापर्व में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। श्रद्धालुओं में देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। श्रद्धालु अलग-अलग प्रमुख स्नान पर्वों पर संगम में डुबकी लगाएंगे, जिनमें मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा आदि शामिल हैं। आइए तस्वीरों के माध्यम से देखें कुंभ के कुछ अद्भुत नजारे-
संगम नोज समेत करीब 12 किमी एरिया में स्नान घाट बनाया गया है। संगम पर एंट्री के सभी रास्तों में भक्तों की भीड़ है। महाकुंभ में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। इसके चलते श्रद्धालु 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी।
इसके अलावा मकर संक्रांति पर होने वाले अमृत स्नान के दौरान भी पुष्प वर्षा होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के देखते हुए 50 से अधिक अस्थायी अस्पताल, 500 एंबुलेंस और मेडिकल टीम तैनात की गई हैं।
श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार ने 4000 हेक्टेयर में मेले के आयोजन का फैसला लिया था जबकि 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा सुरक्षा को देखते हुए 60 हजार जवानों को सुरक्षा व्यवस्था संभालने में लगाया गया है। पुलिस कर्मी स्पीकर से लाखों की संख्या में आई भीड़ को मैनेज कर रहे हैं। जगह-जगह कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई और भी प्रबंध किए गए हैं। मेला क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा दो नए पावर सबस्टेशन बनाए गए हैं और 66 नए ट्रांसफार्मर लगाए हैं।
इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आने जाने के लिए भारतीय रेलवे ने रिकॉर्ड 13,000 ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इनमें 3,134 स्पेशल ट्रेनें भी शामिल होंगी, जो 2019 के प्रयागराज अर्धकुंभ के मुकाबले चार गुना ज्यादा हैं। ये स्पेशल ट्रेन सेवाएं नियमित चलने वाली 10,000 ट्रेनों के साथ मिलकर श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाने का काम करेगी।
श्रद्धालुओं के निवास के लिए 1.6 लाख टेंट बनाए गए हैं। इसके अलावा संगम में अलग-अलग जगहों पर 30 पीपा पुल का निर्माण किया गया है। प्रयागराज और कुंभ मेले के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 400 किलोमीटर अस्थायी सड़कें बनाई गई है और 67,000 से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं।
(फोटो क्रेडिट: PTI, X/@mygovindia, X/@MahaKumbh_2025, X/@myogioffice)