facebookmetapixel
MCap: रिलायंस और बाजाज फाइनेंस के शेयर चमके, 7 बड़ी कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹1 लाख करोड़ का इजाफालाल सागर केबल कटने से दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड हुई स्लो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों पर असरIPO Alert: PhysicsWallah जल्द लाएगा ₹3,820 करोड़ का आईपीओ, SEBI के पास दाखिल हुआ DRHPShare Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौका

Lok Sabha Election 2024: जोर पकड़ेगा चुनाव का बुखार तो बढ़ेगा प्रचार का कारोबार

Lok Sabha Election 2024: छोटे उद्यमों और कारखानों का गढ़ कहलाने वाले मुंबई के धारावी में राजनीतिक पार्टियों की टोपी, टी-शर्ट, बैनर बनाने का काम चालू हो चुका है।

Last Updated- April 12, 2024 | 11:36 PM IST
जोर पकड़ेगा चुनाव का बुखार तो बढ़ेगा प्रचार का कारोबार, T-shirts, masks, banners: Poll paraphernalia misses on-ground excitement

Lok Sabha Election 2024: छोटे उद्यमों और कारखानों का गढ़ कहलाने वाले मुंबई के धारावी में राजनीतिक पार्टियों की टोपी, टी-शर्ट, बैनर बनाने का काम चालू हो चुका है। पास में ही प्रिंटिंग का कारोबार करने वाले असगर मकरानी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तगड़ा ऑर्डर भी मिला है। उनके कारीगर ‘अबकी पार 400 पार’ के नारे वाली टी-शर्ट और टोपी बनाने में जुटे हुए हैं।

लोकसभा चुनाव शुरू होने में हफ्ता भर भी नहीं रह गया है और प्रचार अभियान तेज होने के साथ ही प्रचार सामग्री की मांग भी बढ़ रही है। हालांकि कुछ साल पहले के मुकाबले इसकी मांग और धंधा काफी मंदा है मगर देश के प्रमुख शहरों और कारोबारी केंद्रों में बैनर, बिल्ले, पैंफलेट, टी-शर्ट, टोपी, बैग, कटआउट और मास्क आदि का उत्पादन तथा बिक्री बढ़ने लगी है।

प्रचार सामग्री का कारोबार पहले से कुछ कम होने की कई वजहें हैं – डिजिटल अभियान बढ़ते जाना, प्रचार सामग्री पर प्रत्याशियों का खर्च पहले से आधा रह जाना, चुनाव आयोग की सख्ती होना और बड़ी पार्टियों का चुनिंदा बड़े व्यापारियों को ही ऑर्डर देना।

भाजपा को ही देख लीजिए। पार्टी का हरेक प्रत्याशी अपने लिए सामग्री काफी कम बनवाता है। उसके बजाय पार्टी केंद्रीकृत तरीके से एकमुश्त खरीद करती है। व्यापारी बताते हैं कि इस बार पार्टी गुजरात के कुछ व्यापारियों से ही ज्यादातर माल मंगा रही है, जिससे छोटे कारोबारियों के धंधे पर चोट पड़ी है। दूसरी बड़ी पार्टियां भी ऐसा ही कर रही हैं। फिर भी बड़े शहरों में काम धीरे-धीरे उठना शुरू हो गया है।

मुंबई: चल रही तैयारी

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में व्यापारियों को ज्यादातर ऑर्डर भाजपा से ही मिले हैं। प्रचार सामग्री बनाने वाले एक कारोबारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘सूरत में हमारे एक साझेदार ने हाल ही में भाजपा को 10 लाख टोपियां तैयार कर दी हैं। पार्टी ने देश भर के कारोबारियों को करीब 2 करोड़ बैग के ऑर्डर भी दिए हैं।’

मकरानी कंपनियों के लिए काफी प्रचार सामग्री बनाते हैं मगर राजनीतिक पार्टियों के लिए काम करने वाले भी उन्हें काफी कारोबार दिलाते हैं। बहरहाल उनकी शिकायत है कि छोटी और क्षेत्रीय पार्टियों से इस बार कारोबार न के बराबर मिल रहा है। महाराष्ट्र में 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होगा। एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता ने कहा कि कई चरणों में चुनाव होने का कारण महाराष्ट्र में यह धंधा धीरे-धीरे जोर पकड़ेगा। मगर छोटे शहरों से मांग काफी कम रहेगी।

पार्टियों के कार्यकर्ता और शाखा प्रमुख लोगों तक पहुंचने के लिए डिजिटल अभियान और सोशल मीडिया पर भी जोर दे रहे हैं, जिसने प्रचार सामग्री के बजट में सेंध लगाई है।

शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के एक शाखा प्रमुख ने बताया कि मुंबई के हर इलाके में संपर्क के लिए छोटी रैलियां की जा रही हैं, जिनमें पहले बचे भगवा स्कार्फ और पैंफलेट बांट दिए जा रहे हैं। इसलिए प्रचार सामग्री का ऑर्डर कम जा रहा है। मगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के दादर कार्यालय में पैंफलेट का ढेर लगा है, जो कुछ ही दिन में बांट दिए जाएंगे।

दिलचस्प है कि कहीं ऑर्डर की कमी है तो कहीं कारोबारी खुद ही ऑर्डर लेने से इनकार कर रहे हैं। पुणे में प्रचार सामग्री इकाई के मालिक आकाश मोरे राजनीतिक पार्टियों से ऑर्डर बिल्कुल नहीं लेते। उनका कहना है चुनाव होने के बाद कई बार पार्टियां उनका बकाया ही नहीं चुकातीं और बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी पैसा डूब जाता है।

नई दिल्ली: चुनाव का शोर नहीं

सदर बाजार नई दिल्ली में प्रचार सामग्री का थोक बाजार है मगर इस साल ज्यादा आपाधापी नहीं दिख रही है। गर्ग एंटरप्राइजेज के मनोज कुमार ने कहा, ‘एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार होने के बावजूद सदर बाजार में कुछ ही ऑर्डर दिख रहे हैं।

भाजपा से बड़े ऑर्डर मिलने की उम्मीद थी लेकिन वह गुजरात से चुनाव प्रचार सामग्री मंगवा रही है।’ उन्होंने कहा कि कुछ व्यापारियों को करीब 50,000 झंडों के ऑर्डर मिले हैं लेकिन छोटे व्यापारियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

सदर बाजार के ही व्यापारी गुलशन खुराना ने कहा कि ‘अब की बार 400 पार’ नारा लिखे माल की अच्छी मांग है। उन्होंने कहा, ‘हमारा ध्यान केवल भाजपा पर है। उसका माल पहले ही बनाया जा रहा है। मगर बाकी पार्टियों के प्रचार का सामान ऑर्डर पक्का होने के बाद ही बनाया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी कुछ ऑर्डर दिए हैं मगर कांग्रेस की प्रचार सामग्री की खास मांग नहीं दिख रही।

यहां ऑडियो सिस्टम, लाउडस्पीकर एवं एंप्लिफायर के सबसे बड़े बाजार भगीरथ इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट के व्यापारियों ने कहा कि इस साल का चुनाव पहले के मुकाबले कम शोरगुल वाला होगा। एल्को साउंड इक्विपमेंट के मालिक ने कहा, ‘पहले हर रिक्शे पर छह से आठ एंप्लिफायर लगते थे मगर इस साल ऐसा नहीं दिख रहा।’

कुछ व्यापारी बढ़ती गर्मी को भी इसके लिए दोष दे रहे हैं। उनका कहना है कि तापमान बढ़ने के कारण दिल्ली में दोपहर के समय रोडशो करना आसान नहीं होगा। इसलिए एंप्लिफायर और प्रचार सामग्री की मांग कम रहेगी। धंधा अभी ठंडा होने की एक वजह यह भी है कि दिल्ली में मतदान 25 मई को होना है, जिसमें करीब छह हफ्ते बाकी हैं।

कोलकाता: लंबा मतदान

कोलकाता के बड़ा बाजार में पागेया पट्टी में रंग ही रंग बिखरे पड़े हैं। हर ओर भगवा, लाल, नारंगी और हरा रंग छिटकता दिखता है क्योंकि कमोबेश सभी पार्टियों की चुनाव सामग्री यहां बिक रही है। माल बेचने नाले दुकानदार ग्राहकों को भांपकर गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं मगर पश्चिम बंगाल में चुनाव कई चरणों में होने कारण अभी सरगर्मी कम है। यहां प्रचार सामग्री बेचने वाले रविशंकर ने कहा, ‘फिलहाल लोग केवल पूछताछ कर रहे हैं मगर हम माल बनाने के लिए कपड़े का ऑर्डर दे चुके हैं।’

प्रचार सामग्री बेचने वाली कमोबेश सभी दुकानों में पार्टियों के झंडे सजाकर रखे गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी के मास्क भी भारी तादाद में दिख रहे हैं। मगर ज्यादातर माल जाहिर तौर पर तृणमूल के प्रचार का ही है।

नॉवल्टी ट्रेडर्स के रोहित गुप्ता ने कहा, ‘फिलहाल कुछ सुस्ती दिख रही है क्योंकि इस बार चुनाव की अवधि काफी लंबी है।’ मगर चुनाव कई चरण में होने की बात से संजय चंदराणा बहुत खुश हैं। संजय का परिवार 70 साल से प्रचार सामग्री के कारोबार में है। वह कहते हैं कि मतदान कम चरणों में होता तो ग्राहकों को संभालने के चक्कर में उन्हें खाना खाने की फुरसत भी नहीं मिल पाती।

First Published - April 12, 2024 | 11:26 PM IST

संबंधित पोस्ट