केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर अब अलगाववाद से मुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। यह कदम भारत की एकता को मजबूत करेगा। उन्होंने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एकीकरण नीतियों से ही अलगाववाद जम्मू-कश्मीर से बाहर हो पाया है।
शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में अहम इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं तथा अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म कर दें।’ उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ी जीत है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठन रहा है। इसके अधिकतर घटकों पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है।
इधर, राज्य सभा में मंगलवार को गृह मंत्री शाह ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के प्रबंधन को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि उसमें जवाबदेही एवं पारदर्शिता की कमी थी। उच्च सदन में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष संप्रग के दौर में बनाया गया था, जबकि ‘पीएम-केयर्स फंड’ की स्थापना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान की गई थी। गृह मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस के शासन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष पर सिर्फ एक परिवार का नियंत्रण था। कांग्रेस अध्यक्ष प्रधानमंत्री राहत कोष के सदस्य होते थे। आप इस देश के लोगों को क्या जवाब देंगे?’ उन्होंने आरोप लगाया कि संप्रग शासन में राजीव गांधी फाउंडेशन को प्रधानमंत्री राहत कोष से धन दिया गया। उन्होंने कहा, ‘उनके समय में कोई पारदर्शिता नहीं थी। फंड के उपयोग को देखने के लिए कोई समिति नहीं थी।’
आपदा प्रबंधन में आर्थिक सहायता देने में कुछ राज्यों के साथ भेदभाव के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्य सभा में दावा किया कि पिछले दस साल में भारत आपदा प्रबंधन के मामले में राष्ट्रीय ही नहीं, क्षेत्रीय एवं वैश्विक ताकत बनकर उभरा है। आज दुनिया भी भारत की इस ताकत को स्वीकार कर रही है।
उच्च सदन में शाह ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसमें सत्ता के केंद्रीयकरण का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है।