भारत

जयशंकर जाएंगे मॉस्को, चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आएंगे; ब्रिक्स देशों के बीच कूटनीतिक हलचल तेज

Jaishankar Moscow visit: बुधवार दोपहर रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर और लावरोव 21 अगस्त को मुलाकात करेंगे।

Published by
बीएस संवाददाता   
अर्चिस मोहन   
Last Updated- August 13, 2025 | 8:16 PM IST

Jaishankar Moscow visit: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा हालिया टैरिफ बढ़ोतरी की घोषणा के बाद ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य देशों के बीच बढ़ी कूटनीतिक गतिविधियों के बीच, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) 21 अगस्त को मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) से बातचीत करेंगे। इसके अलावा, चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) अगले सप्ताह भारत आ सकते हैं, जहां वह भारत-चीन सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र (Special Representatives mechanism) के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) के साथ चर्चा करेंगे।

जयशंकर और लावरोव करेंगे मुलाकात

भारत ने अभी तक न तो जयशंकर की मॉस्को यात्रा और न ही वांग की नई दिल्ली यात्रा की आधिकारिक पुष्टि की है। लेकिन बुधवार दोपहर रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर और लावरोव 21 अगस्त को मुलाकात करेंगे, जिसमें भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों और “अंतरराष्ट्रीय ढांचे के तहत सहयोग के विभिन्न पहलुओं” पर चर्चा होगी। दोनों नेता इस वर्ष के अंत में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की तारीखों को भी अंतिम रूप दे सकते हैं।

Also Read: यूरेनियम की माइनिंग कर सकेंगी प्राइवेट कंपनियां, खत्म होगा न्यूक्लियर एनर्जी पर सरकारी एकाधिकार!

7 साल बाद मोदी की पहली चीन यात्रा

नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि वांग की यात्रा, जो 18 अगस्त को ही संभव हो सकती है, पर विचार चल रहा है। सीमा विवाद पर चर्चा करने और दोनों देशों की सेनाओं के बीच और अधिक तनाव कम करने के अलावा, यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात की तैयारी में भी मदद कर सकती है। यह मुलाकात 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच उत्तरी चीन के शहर तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर होगी। यह सात साल में मोदी की पहली चीन यात्रा होगी।

वांग और डोभाल सीमा विवाद मुद्दे पर वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि (SR) हैं। डोभाल पिछले साल दिसंबर में विशेष प्रतिनिधि वार्ता के लिए चीन गए थे, जहां उनकी बातचीत वांग से हुई थी। यह वार्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 24 अक्टूबर 2024 को कज़ान में हुई मुलाकात में दोनों देशों के संबंधों में नरमी लाने पर सहमति बनने के बाद हुई थी। भारत और चीन के बीच उड़ानों की जल्द बहाली पर भी विचार चल रहा है।

Also Read: LIC में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में सरकार, शुरू करेगी रोडशो; ₹14,000- ₹17,000 करोड़ की होगी कमाई

जयशंकर-लावरोव की मुलाकात जरूरी क्यों?

जयशंकर-लावरोव की मुलाकात से भारत को यह समझने में भी मदद मिलेगी कि 1 अगस्त, शुक्रवार को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शिखर सम्मेलन पर मॉस्को का आकलन क्या है। यह भी संभावना है कि तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात पुतिन से हो सकती है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति भी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं।

First Published : August 13, 2025 | 8:06 PM IST