वृहद आर्थिक अनिश्चितता ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा उद्योग को ही प्रभावित नहीं किया है, कैंपस प्लेसमेंट पर भी इसका असर पड़ा है। कई संस्थानों का कहना है कि कंपनियां कॉलेज कैंपस में आ तो रही हैं मगर नियुक्त के वादे करने से कतरा रही हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जिन कई संस्थानों से बात की है उनमें से अधिकतर ने कहा कि देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस और विप्रो ने प्लेसमेंट के लिए अब तक उनसे संपर्क नहीं किया है। ये दोनों कंपनियां लगातार दूसरे साल प्लेसमेंट सीजन से दूर रहेंगी।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) इकलौती शीर्ष कंपनी है, जिसने इस साल नियुक्ति के लिए कॉलेजों का दौरा करने की हामी भरी है। कंपनी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 के लिए उसका लक्ष्य 40,000 लोगों को नियुक्ति करने का है।
एक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान के डीन ने कहा, ‘इन्फोसिस पिछले साल कैंपस में नहीं आई, इसीलिए हमें उम्मीद है कि वह इस साल जरूर आएगी। मगर उसने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।’ इन्फोसिस ने इस बारे में जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
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विप्रो के प्रवक्ता ने एक ईमेल के जवाब में कहा, ‘कंपनी छोड़ने वाले कर्मचारियों की दर घटी है। ऐसे में पहले से मौजूद प्रतिभाओं को जरूरत के मुताबित नियुक्त करने की गुंजाइश बनी है। नौकरी छोड़ने की दर घटने और आर्थिक अनिश्चितता के कारण बड़ी तादाद में नियुक्ति की होड़ अब खत्म हो रही है।’
कई संस्थानों का मानना है कि इस साल का प्लेसमेंट सीजन कमजोर रहेगा। दक्षिण भारत के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के डीन (प्लेसमेंट) ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘हमें लगता है कि इस साल नियुक्तियों की कुल संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब 40 फीसदी कम रहेगी।’ यह संस्थान करीब 800 छात्रों को इंटरर्नशिप के लिए पहले ही भेज चुका है, मगर ये कंपनियां प्रौद्योगिकी क्षेत्र की नहीं हैं। अब तक एक भी आईटी कंपनी अंतिम प्लेसमेंट के लिए नहीं आई है।
आम तौर पर आईटी सेवा कंपनियां 18-18 महीने बाद विभिन्न परिसरों से फ्रेशरों की नियुक्ति करती हैं। ये कंपनियां जुलाई/अगस्त से सितंबर तक कैंपसों में जाती हैं और अगले साल नियुक्ति के लिए छात्रों को ऑफर देती हैं। नियुक्तियों की 70 से 80 फीसदी मांग कैंपस भर्ती के जरिये पूरी की जाती है और बाकी बाहर से नियुक्ति के जरिये। वैश्विक अनिश्चितता के बाद 2022 और 2023 में परिसरों से नियुक्तियों में काफी कमी देखी गई थी।
एक अन्य प्लेसमेंट अधिकारी ने कहा, ‘कंपनियां कैंपसों का दौरा कर रही हैं और हमारे पास ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने प्लेसमेंट सीजन के लिए स्लॉट बुक कराए हैं। मगर उनकी संख्या काफी कम है और नियुक्ति संख्या भी कम है।’
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पूर्वी भारत के एक इंजीनियरिंग संस्थान के वरिष्ठ प्लेसमेंट अधिकारी ने कहा कि कई कंपनियां आ रही हैं मगर किसी ने भी यह नहीं बताया है कि वे वास्तव में कितने लोगों को नियुक्त करना चाहती है।
इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने नियुक्ति लक्ष्य का खुलासा नहीं किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में शुद्ध गिरावट 6,940 रही। इस दौरान विप्रो के कर्मचारियों में 8,812 की कमी आई। एचसीएल टेक के कर्मचारियों की संख्या में 2,506 की शुद्ध गिरावट दर्ज की गई। पहली तिमाही में टीसीएस ने महज 523 कर्मियों को नियुक्त किया।