भारत

ISRO पर चढ़ा नई कामयाबी का रंग, SpaDeX सैटेलाइट के डि-डॉकिंग की सफलता से चंद्रयान-4 और मानव अंतरिक्ष मिशन की राह मजबूत

डि-डॉकिंग प्रक्रिया में कई सुव्यवस्थित योजनाओं के तहत किए गए ऑपरेशनों की सीरीज शामिल थी, जिसके परिणामस्वरूप SDX-01 (चेज़र) और SDX-02 (टारगेट) सैटेलाइट्स का सफल पृथक्करण हुआ।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 14, 2025 | 10:38 AM IST

ISRO achieves de-docking of SpaDeX satellites: होली के अवसर पर ISRO पर कामयाबी का एक और नया रंग चढ़ गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को बताया कि उसने SpaDeX सैटेलाइट्स का सफल डि-डॉकिंग पूरा कर लिया है, जिससे भविष्य के मिशनों का रास्ता साफ हो गया है। इसमें चंद्रमा पर खोज, मानव अंतरिक्ष यात्रा और अपने खुद के स्पेस स्टेशन के निर्माण जैसे मिशन शामिल हैं।

भारत ने स्पेस टेक्नोलॉजी में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर SpaDeX सैटेलाइट्स के सफल डि-डॉकिंग की घोषणा की। उन्होंने इसे एक अविश्वसनीय उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों, जैसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान-4 और गगनयान, के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने टीम ISRO को बधाई देते हुए इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया। सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निरंतर समर्थन से इसरो के हौसले और ऊंचे बने हुए हैं।

क्या होती है डि-डॉकिंग?

डि-डॉकिंग प्रक्रिया में कई सुव्यवस्थित योजनाओं के तहत किए गए ऑपरेशनों की सीरीज शामिल थी, जिसके परिणामस्वरूप SDX-01 (चेज़र) और SDX-02 (टारगेट) सैटेलाइट्स का सफल पृथक्करण (separation) हुआ। ये सैटेलाइट्स 30 दिसंबर 2024 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV)-C60 के जरिए लॉन्च किए गए थे। प्रमुख प्रक्रियाओं में SDX-2 का सफल विस्तार, कैप्चर लीवर 3 का योजनाबद्ध रिलीज और अंतिम रूप से कैप्चर लीवर का डिसएंगेजमेंट शामिल था। इन सभी चरणों के बाद दोनों सैटेलाइट्स को डिकैप्चर कमांड भेजी गई, जिससे उनका पृथक्करण पूरी तरह सफल रहा।

Also read: Musk की Starlink से Jio-Airtel की डील: क्या बदलेगा भारत का सैटेलाइट इंटरनेट परिदृश्य?

ISRO पर चढ़ा नई कामयाबी का रंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने भी मिशन की सफलता के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा, “यह ISRO के इतिहास में एक और बड़ी उपलब्धि और महत्वपूर्ण सफलता है। हमने सैटेलाइट्स का सफलतापूर्वक डि-डॉकिंग किया है। मैं इस मिशन में किए गए प्रयासों, कार्य की मात्रा और स्मार्ट वर्क को पूरी तरह समझता हूं, जो इसे सफल बनाने में लगा है।”

SpaDeX मिशन 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था

SpaDeX मिशन को पिछले साल 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था, जब ISRO ने अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन करने के लिए दो सैटेलाइट्स – SDX-01 और SDX-02 – कक्षा में स्थापित किए थे।

ISRO ने एक बयान में कहा कि SpaDeX सैटेलाइट्स की डि-डॉकिंग का महत्वपूर्ण ऑपरेशन 13 मार्च को सुबह 09:20 बजे (ISD) पहली ही कोशिश में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। एजेंसी ने बताया कि सैटेलाइट्स की डि-डॉकिंग 460 किमी की गोलाकार कक्षा (सर्कुलर ऑर्बिट) में 45-डिग्री झुकाव (इनक्लिनेशन) के साथ हुई। अब ये सैटेलाइट्स स्वतंत्र रूप से अपनी कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं और उनकी स्थिति सामान्य है। इसके साथ ही, ISRO ने अब परिक्रमा (रेंडेजवस), डॉकिंग और डि-डॉकिंग ऑपरेशन्स को सर्कुलर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रदर्शित कर दिया है।

First Published : March 14, 2025 | 10:35 AM IST