22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 आम नागरिकों की जान चली गई। इस घटना के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक अहम बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मौजूद थे। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कथिततौर पर भारतीय सेना को यह अधिकार दे दिया कि वह जवाबी कार्रवाई का तरीका, समय और लक्ष्य खुद तय करे।
पहलगाम में हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करना और भारत में पाकिस्तानी दूतावासों में स्टाफ की संख्या घटाना शामिल है। ये सारे कदम इस ओर इशारा करते हैं कि भारत अब हर स्तर पर जवाब देने के लिए तैयार है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान ने भी कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान सरकार ने शिमला समझौते को फिलहाल रोक दिया है, अपने समुद्री क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण किए हैं और भारत के साथ व्यापार व वीज़ा सेवाएं बंद कर दी हैं। दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
Also Read | PM Modi रूस के ‘विक्टरी डे’ परेड में नहीं होंगे शामिल, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात बेहद संवेदनशील हैं। अगर किसी भी पक्ष से गलती या जल्दबाज़ी हुई तो स्थिति सीधे सैन्य संघर्ष में बदल सकती है। दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे की गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं और छोटी सी चिंगारी भी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है।
सेना की संख्या और रैंकिंग
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। भारत के पास करीब 14.6 लाख सक्रिय सैनिक और 11.5 लाख रिज़र्व सैनिक हैं। वहीं पाकिस्तान के पास 6.54 लाख सक्रिय सैनिक और करीब 5 लाख अर्धसैनिक बल हैं। संख्या के लिहाज से भारत को स्पष्ट बढ़त है।
वायुसेना की क्षमता
भारत की वायुसेना में सुखोई-30, राफेल, मिराज और तेजस जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान के पास JF-17 थंडर और F-16 जैसे फाइटर प्लेन हैं जो तकनीकी रूप से सक्षम हैं। एक दिलचस्प पहलू यह है कि पाकिस्तान के पास सैन्य ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट की संख्या भारत से अधिक है। जहां भारत के पास 351 ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं, वहीं पाकिस्तान के पास इनकी संख्या 565 है। यह अधिक संख्या पाकिस्तानी वायुसेना को अपने पायलटों को अधिक तेजी और निरंतरता के साथ ट्रेन करने की क्षमता देती है, जिससे उसकी ट्रेनिंग क्षमता तुलनात्मक रूप से बेहतर मानी जा सकती है।
नौसेना में भारत की बड़ी बढ़त
भारत की नौसेना में कुल 293 जहाज़ हैं, जिसमें दो एयरक्राफ्ट कैरियर (INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत), 13 डिस्ट्रॉयर और 18 पनडुब्बियां शामिल हैं। भारत की नौसेना ‘ब्लू वॉटर नेवी’ मानी जाती है, जो दूर-दराज के समुद्री क्षेत्रों तक ऑपरेशन करने में सक्षम है। इसके विपरीत पाकिस्तान की नौसेना में कुल 121 जहाज़ हैं, न तो कोई एयरक्राफ्ट कैरियर है और न ही कोई डिस्ट्रॉयर। पाकिस्तान के पास सिर्फ 8 पनडुब्बियां हैं, और उसकी नौसेना ‘ग्रीन वॉटर नेवी’ मानी जाती है, जो तटीय क्षेत्रों तक ही सीमित रहती है।
परमाणु ताकत और मिसाइल रेंज
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। भारत के पास अग्नि-5 मिसाइल है जिसकी रेंज 5200 किमी से ज़्यादा है, और अब अग्नि-6 पर भी काम चल रहा है जो चीन तक को कवर कर सकेगा। पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल शाहीन-3 है जिसकी मारक क्षमता 2750 किमी तक है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान इसकी रेंज को 3000 किमी से ज्यादा करने की कोशिश कर रहा है और इसमें उसे चीन और बेलारूस से तकनीकी मदद मिल रही है।
जनसंख्या से मिलने वाली ताकत
भारत को अपनी बड़ी जनसंख्या का फायदा सैन्य भर्तियों में भी मिलता है। हर साल भारत में करीब 2.4 करोड़ युवा सेना में शामिल होने की उम्र तक पहुंचते हैं, जबकि पाकिस्तान में यह संख्या 48 लाख है। इसके अलावा भारत के पास 2.5 लाख से अधिक अर्धसैनिक बल भी हैं जो सीमा सुरक्षा और आंतरिक हालात संभालते हैं।
हथियारों की आपूर्ति और साझेदार
भारत के रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा सप्लायर रूस है। इसके अलावा भारत फ्रांस, इज़रायल और अमेरिका से भी हथियार खरीदता है। हाल के वर्षों में भारत स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर भी जोर दे रहा है। पाकिस्तान की बात करें तो वह चीन पर सबसे अधिक निर्भर है, और इसके बाद तुर्की, फ्रांस और रूस से हथियार मिलते हैं। पाकिस्तान को अमेरिका ने ‘मेजर नॉन-नाटो अलाय’ (MNNA) का दर्जा भी दिया है, जिससे उसे कुछ विशेष सुविधाएं मिलती हैं।
संबंधों में गिरावट, दुनिया कर रही अपील
भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। भारत ने यह साफ किया है कि वह किसी भी उकसावे का जवाब ठोस और योजनाबद्ध तरीके से देगा। वहीं पाकिस्तान ने भी चेतावनी दी है कि अगर उसकी संप्रभुता को चुनौती दी गई, तो वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत शुरू करने की अपील कर रहे हैं। मगर ज़मीन पर स्थिति अभी भी काफी संवेदनशील बनी हुई है और अगले कुछ दिन बेहद अहम हो सकते हैं।