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IMD की चेतावनी: इस बार मैदानी इलाकों में पड़ेगी ज्यादा ठंड, पहाड़ों में रहेगा सामान्य से गर्म मौसम

ला नीना और ध्रुवीय भंवर के संयुक्त प्रभाव से मैदानी भारत में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने तथा कई राज्यों में शीत लहर की अवधि बढ़ने की संभावना मौसम विभाग द्वारा जारी की गई

Last Updated- December 01, 2025 | 10:26 PM IST
Cold
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि भारत में मध्य, उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के मैदानी इलाकों में ‘सामान्य से अधिक ठंड’ पड़ सकती है। मौसम विभाग ने सोमवार को यह भी कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में मौसम सामान्य परिस्थितियों की तुलना में थोड़ा गर्म रह सकता है।

‘ला नीना’ के कारण उत्पन्न हालात से मैदानी इलाकों में सर्दी के मौसम में अधिक ठंड पड़ सकती है। हालांकि, इन दोनों बातों में कोई सीधा संबंध नहीं है और ध्रुवीय भंवर का भी असर होता है। ध्रुवीय भंवर  एक लंबी निम्न दाब प्रणाली है जो विशेष रूप से सर्दी के दौरान उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद होती है।

ला नीना प्रभाव के कारण मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान कम हो जाता है और इसके साथ हवाओं, दबाव और वर्षा जैसे उष्णकटिबंधीय वायुमंडलीय परिसंचरण में भी बदलाव होता है। यह आम तौर पर भारत में मानसून के मौसम में तीव्र और लंबी बारिश और सामान्य से अधिक ठंड विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्रों में से जुड़ा होता है।

आईएमडी के अनुसार दिसंबर से फरवरी दौरान राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में चार से पांच अतिरिक्त दिनों तक शीत लहर चल सकती है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाताओं को बताया, ‘इन क्षेत्रों में आम तौर पर दिसंबर से फरवरी के दौरान चार से छह दिनों तक शीत लहर की स्थिति का अनुभव होता है लेकिन इस वर्ष यह शीतलहर 10 दिनों तक चल सकती है।’उन्होंने कहा,‘सर्दी के मौसम में (दिसंबर 2025 से फरवरी 2026) के दौरान मध्य भारत एवं उससे सटे प्रायद्वीपीय और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है। देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है’।

First Published - December 1, 2025 | 10:05 PM IST

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