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अनदेखी या कुछ और, भारत के 23,335 गांव नहीं बन पा रहे शहर

भारत में कोई बस्ती तब शहरी श्रेणी में आती है जब उसकी जनसंख्या 5,000 से अधिक हो, जिसका जनसंख्या घनत्व कम से कम 400 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर हो और कम से कम 75 फीसद आबादी गैर-कृषि गतिविधियों में लगी हो।

Last Updated- April 21, 2023 | 4:31 PM IST
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दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत की सबसे ज्यादा जनसंख्या गांवों में ही रहती है। यह बात तो किसी से छुपी नहीं है लेकिन एक चौंकाने वाली बात है कि इस देश की आबादी का बड़ा हिस्सा 2050 तक गांवों में ही रहेगा। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों? तो इसके पीछे एक बड़ी वजह है।

भारत में कई ऐसे गांव हैं जिनकी जनसंख्या इतनी हो गई कि उन्हें अब गांव नहीं बल्कि टाउन घोषित कर देना चाहिए लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं सका है। इस वजह से ये बड़े विकास के मामले में भी पीछे छूट रहे हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड महामारी के कारण ताजा जनगणना में देरी हो रही है, लेकिन 2011 के जनगणना के आंकड़े दिखाते हैं कि देश में 23,335 गांव 5,000 से ज्यादा जनसंख्या वाले हैं। लेकिन वे गांवों की श्रेणी में ही रहेंगे, क्योंकि वे अन्य मानदंडों को पूरा नहीं करते और इस तरह वे शहरी केंद्रों के लिए बनाये गये कार्यक्रमों का लाभ पाने से छूट सकते हैं।

भारत में कोई बस्ती तब शहरी श्रेणी में आती है जब उसकी जनसंख्या 5,000 से अधिक हो, जिसका जनसंख्या घनत्व कम से कम 400 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर हो और कम से कम 75 फीसद आबादी गैर-कृषि गतिविधियों में लगी हो।

इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स (IIHS) के निदेशक ए. रवि ने कहा, ‘भारत जनसांख्यिकीय दृष्टि से अब भी गांवों में रहता है, हालांकि हमारे पास निश्चित आंकड़े नहीं हैं, क्योंकि 2021 की जनगणना नहीं हुई है। अत्यंत संभावना है कि भारत 2050 के दशक तक जनसांख्यिकीय दृष्टि से अपने गांवों में ही रहेगा, लेकिन यह प्रमुख रूप से 1990 के दशक के अंत से शहरी अर्थव्यवस्था आधारित रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत जनसंख्या घनत्व, जनसंख्या के आकार और गैर-खेतिहर पुरुष श्रमिकों के प्रतिशत के आधार पर शहरी वर्गीकरण तीन स्तर पर करता है।’

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संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गयी है और वह चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। शहरी विकास मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देश में बड़ी संख्या में लोग गांवों में रहते हैं, वहीं भारतीय शहर देश की GDP में लगभग दो-तिहाई का योगदान देते हैं और 2031 तक यह आंकड़ा बढ़कर 75 प्रतिशत हो सकता है। आंकड़ों के अनुसार, देश के शहरी क्षेत्रों में करीब 70 प्रतिशत नयी नौकरियां आने की संभावना है।

First Published - April 21, 2023 | 4:31 PM IST

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