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जर्मनी ने भारतीयों के लिए कुशल कर्मियों का वीजा बढ़ाया

जर्मनी में कामकाजी उम्र की आबादी में गिरावट आई है और नई एवं उभरती तकनीकों में अपेक्षाकृत कम प्रशिक्षित कार्यबल एक प्रमुख समस्या बनती जा रही है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
शिवा राजौरा   
Last Updated- October 25, 2024 | 10:50 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए वीजा की संख्या सालाना 20,000 से बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष कर दी है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज तीन दिवसीय द्विपक्षीय भारत यात्रा पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के कारोबारियों के 18वें एशिया-प्रशांत सम्मेलन को संबो​धित करते हुए कहा, ‘दुनिया की दो अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं साथ मिलकर वै​श्विक भलाई के लिए एक ताकत बन सकती हैं और भारत घोषणा पत्र ध्यान केंद्रित करने से इसकी रूपरेखा मिल सकती है। इसमें जर्मनी का समग्र दृष्टिकोण और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता स्पष्ट तौर पर दिखती है। मुझे विश्वास है कि इससे जर्मनी की आर्थिक वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा।’

पिछले साल नई दिल्ली में स्वीकार किए गए जी20 ‘कौशल आधारित प्रवास मार्ग’ ढांचे के तहत जर्मनी के साथ पहला समझौता होगा। इससे शिक्षण, नर्सिंग और विनिर्माण जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों के भारतीय कार्यबल की आवाजाही में मदद मिलेगी।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पिछले सप्ताह ऐसी एक खबर दी थी। सूत्रों ने तब बताया कि हाल के वर्षों में जर्मनी जाने वाले भारतीय कुशल कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई है और कौशल संबंधी व्यवसायों में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों की संख्या बढ़कर करीब 1,37,000 हो गई है।

जर्मनी में कामकाजी उम्र की आबादी में गिरावट आई है और नई एवं उभरती तकनीकों में अपेक्षाकृत कम प्रशिक्षित कार्यबल एक प्रमुख समस्या बनती जा रही है।

उदाहरण के लिए, जर्मनी ने 2024 के पहले 6 महीनों में 80,000 कामकाजी वीजा जारी किए और उनमें आधे वीजा कुशल श्रमिकों के लिए थे। वहां की एक प्रमुख आ​र्थिक ​थिंक टैंक जर्मन इकनॉमिक इंस्टीट्यूट ने पिछले साल बताया था कि देश में कार्यबल की कमी है। उसने कहा था कि 2023 में जर्मनी में 5,70,000 रोजगार के पद खाली रह गए थे।

भारतीयों के लिए वीजा कोटा बढ़ाने की ताजा घोषणा कुशल श्रम जुटाने संबंधी जर्मनी की नई रणनीति का हिस्सा है। सूत्रों ने कहा कि 2022 में जर्मनी के साथ आव्रजन एवं मोबिलिटी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच तालमेल लगातार जारी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मई तक जर्मनी ने 2.8 लाख प्रवासी भारतीयों की अगवानी की। इसमें भारतीय मूल के 52,864 व्यक्ति भी थे।

साल 2023-24 के शीतकालीन सत्र के लिए जर्मनी में पंजीकृत 49,483 छात्रों के साथ भारतीय वहां के अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह भी था। मगर दिसंबर, 2022 में जर्मनी की सरकार ने कहा था कि वहां 5,000 भारतीय नागरिक अवैध रूप से रह रहे थे।

मोदी ने प्रधानमंत्री आवास पर शोल्ज के साथ बातचीत की। बाद में दोनों नेताओं ने 7वें अंतरसरकारी परामर्श की सह-अध्यक्षता की जहां शहरों में ग्रीन मोबिलिटी, उन्नत सामग्रियों में अनुसंधान और कौशल विकास के उद्देश्य से कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने बेहतर सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी, प्रतिभाओं की आवाजाही बढ़ाने और आर्थिक सहयोग में विस्तार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की।

जर्मन चांसलर दिल्ली के अपने कार्यक्रमों के बाद स्कोल्ज गोवा भी जाएंगे जहां वह जर्मनी के दो नौसैनिक जहाजों- फ्रिगेट बाडेन-वुर्टेमबर्ग और सहायक जहाज फ्रैंकफर्ट एम मेन का स्वागत करेंगे। साल 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद शोल्ज की यह तीसरी भारत यात्रा है। इससे पहले 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वह भारत आए थे।

First Published : October 25, 2024 | 10:38 PM IST