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‘महिला सुरक्षा: बस! बहुत हो चुका’, बंगाल में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या से आहत हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू

Kolkata doctor case: राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर अत्याचार की अनुमति नहीं दे सकता। राष्ट्र का आक्रोशित होना निश्चित है, और मैं भी आक्रोशित हूं।’

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- August 28, 2024 | 11:20 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर आक्रोश जाहिर करने के साथ ही इस पर अंकुश लगाने का आह्वान किया है। कोलकाता में बीते 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या को लेकर मुर्मू ने बुधवार को कहा कि इस घटना ने उन्हें बहुत ही निराश और व्यथित कर दिया है। दुख की बात है कि यह अकेली घटना नहीं है, देश के अन्य हिस्सों में भी छोटी-छोटी बच्चियों के साथ अपराध की घटनाएं हो रही हैं।

मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर समाचार एजेंसी पीटीआई के लिए लिखे एक विशेष लेख में कहा कि बस! बहुत हो चुका। अब समय आ गया है कि भारत ऐसी ‘विकृतियों’के प्रति जागरूक हो और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को कम शक्तिशाली, कम सक्षम और कम बुद्धिमान के रूप में देखती है। कोलकता में छात्र, डॉक्टर और आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, फिर भी अपराधी खुले आम घूम रहे हैं।

‘महिला सुरक्षा: बस! बहुत हो चुका’ शीर्षक वाले लेख में राष्ट्रपति ने नौ अगस्त को कोलकाता में हुई घटना पर पहली बार अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के लिए कुछ लोगों द्वारा महिलाओं को वस्तु के रूप में देखने वाली मानसिकता जिम्मेदार है। अपनी बेटियों के प्रति यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके भय से मुक्ति पाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करें।’

नौ अगस्त को कोलकाता के एक अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर अत्याचार की अनुमति नहीं दे सकता। राष्ट्र का आक्रोशित होना निश्चित है, और मैं भी आक्रोशित हूं।’

इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार की नीति ‘बलात्कार संबंधी घटनाओं को कतई बर्दाश्त न करने’ की है और इन मामलों से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए अगले सप्ताह विधान सभा में विधेयक पारित किया जाएगा, ताकि दुष्कर्म के अपराधियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित किया जा सके। बनर्जी ने कहा कि यदि राज्यपाल संशोधित विधेयक को मंजूरी देने में देरी करते हैं या इसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजते हैं तो वह राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में शनिवार से जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू करेगी, ताकि बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड देने का कानून पारित करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जा सके। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में उन्होंने बंगाल के प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों से भी काम पर लौटने का आग्रह किया। ये चिकित्सक 20 दिन से हड़ताल पर हैं।

हालांकि डॉक्टरों ने काम पर लौटने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील को ठुकरा दिया है। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक सदस्य ने कहा कि जब तक आरजी कर अस्पताल की पीड़िता महिला डॉक्टर को न्याय मिलने समेत उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे।

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में 12 घंटे का बंद आहूत करने की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की कई स्थानों पर बुधवार को पुलिस से झड़प हो गई। राज्य भर में इस बंद का मिला-जुला असर रहा। भाजपा ने मंगलवार को ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया था। इस दौरान राजधानी कोलकाता में सड़कों पर चहल-पहल कम रही।

सड़कों पर बहुत कम बस, ऑटो रिक्शा और टैक्सी नजर आईं। हालांकि, बाजार और दुकानें पहले की तरह खुलीं। स्कूल और कॉलेज खुले थे, लेकिन छात्रों की संख्या बेहद कम रही।

First Published : August 28, 2024 | 10:40 PM IST