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ईंधन स्रोत में विविधता पर जोर, रूस से तेल खरीद घटाने के ट्रंप के दावे को विदेश मंत्रालय ने किया खारिज

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार बाजार स्थितियों के हिसाब से अपने ऊर्जा के स्रोतों को ‘व्यापक और विविधतापूर्ण’ बना रहा है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- October 16, 2025 | 10:46 PM IST

भारत ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फोन पर बातचीत में उनसे कहा था कि भारत रूसी तेल की खरीद घटाएगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच अंतिम फोन कॉल 9 अक्टूबर को हुई थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार बाजार स्थितियों के हिसाब से अपने ऊर्जा के स्रोतों को ‘व्यापक और विविधतापूर्ण’ बना रहा है। अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने के लिए भारत की ट्रंप प्रशासन के साथ चर्चा चल रही है। भारत ब्राजील से भी तेल खरीद रहा है, जिसके उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमीन भारत की यात्रा पर हैं।

गुरुवार शाम विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि कुआलालंपुर में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। यह सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। जायसवाल ने कहा, ‘यात्रा की घोषणा उचित समय पर की जाएगी।’

यह अनुमान लगाया गया है कि यदि प्रधानमंत्री कुआलालंपुर की यात्रा करते हैं तो वे शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति से मिल सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि पूर्वी ए​शिया ​शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अमेरिका जाने वाले व्यापार प्रतिनिधिमंडल की अमेरिकी अ​धिकारियों के साथ बातचीत में कितनी प्रगति हुई है। साथ ही यह प्रधानमंत्री के कार्यक्रम पर भी निर्भर करेगा क्योंकि वे बिहार विधान सभा चुनावों के लिए प्रचार करने में व्यस्त होंगे। मोदी और ट्रंप आखिरी बार फरवरी में वाशिंगटन डीसी में मिले थे।

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को मोदी के साथ फोन पर बातचीत के ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया। अधिकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे पर सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया कि भारत रूसी तेल की खरीद कम करेगा। हालांकि सूत्रों ने कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद से संबंधित मुद्दों को भारत में अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के साथ हुई बातचीत में शायद शामिल किया गया हो।

मोदी के साथ बुधवार को फोन कॉल के ट्रंप के दावों पर जायसवाल ने कहा, ‘मेरी जानकारी के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई।’ मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर अंतिम बातचीत 9 अक्टूबर को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति को गाजा शांति योजना की सफलता पर बधाई दी थी और दोनों नेताओं ने व्यापार वार्ता पर प्रगति की समीक्षा की तथा संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की थी।

ट्रंप के बयान के बाद आज सुबह विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत तेल और गैस का बड़ा आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता रही है और हमारी आयात नीतियां इसी के अनुरूप हैं।’ मंत्रालय ने कहा, ‘जहां तक अमेरिका का संबंध है तो हमने कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने की मांग की है और पिछले दशक में काफी प्रगति हुई है।’

ट्रंप ने बुधवार को दावा किया था, ‘उन्होंने (मोदी) ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे।’ मोदी को ‘मित्र’ और ‘महान नेता’ बताते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हम भारत के रूस से तेल खरीदने से खुश नहीं थे क्योंकि इससे रूस वह युद्ध को जारी रख सकता है, जहां उसने 15 लाख लोगों को खो दिया है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत तुरंत खरीद में कटौती करने में सक्षम नहीं हो सकता है लेकिन प्रक्रिया शुरू हो गई है।

सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद को पूरी तरह से रोकने की संभावना नहीं है लेकिन खरीद की मात्रा घटी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन दिसंबर के पहले सप्ताह में भारत आने वाले हैं। अगस्त में अमेरिका ने रूसी तेल की भारत की खरीद के लिए भारत पर शल्क बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था। उस समय भारत ने तब अमेरिकी कार्रवाई को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया था।

नई दिल्ली में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि रूसी कच्चा तेल वैश्विक बाजार में किफायती विकल्प बना हुआ है और भारत के साथ रूस के ऊर्जा संबंध राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हैं।

उन्होंने कहा, ‘रूस ने इस सहयोग को बाधित करने के प्रयासों के सामने वैकल्पिक लॉजिस्टिक्स और भुगतान प्रणालियों को विकसित करने में लचीलापन दिखाते हुए लगातार अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया है।’

अलीपोव ने यह भी कहा कि रूसी कच्चा तेल भारत के कुल हाइड्रोकार्बन आयात का लगभग एक तिहाई है। उन्होंने रूस को भारत का सबसे विश्वसनीय ऊर्जा भागीदार बताया।

रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्सांद्र नोवाक ने कहा कि रूस को विश्वास है कि भारत के साथ उसका ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा। स्वतंत्र इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने नोवाक के हवाले से कहा, ‘हम अपने भागीदारों के साथ सहयोग करना जारी रखते हैं। हमारे ऊर्जा संसाधन की मांग है। यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य और संभव है।’ नोवाक ने यह टिप्पणी ट्रंप के इस दावे के जवाब में की कि भारतीय प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगा।

ट्रंप के दावों के कारण कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश नीति ‘पूरी तरह से चरमरा गई’ है। केंद्र को या तो सर्वदलीय बैठक बुलाकर या उनसे आमने-सामने बात करके विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए। एक्स पर एक पोस्ट में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ‘ट्रंप से डरे हुए हैं’ और ट्रंप को यह तय करने तथा घोषणा करने की अनुमति देते हैं कि भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा।

First Published : October 16, 2025 | 10:19 PM IST