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द्रूझबा दोस्ती: भारत में पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत, व्यापार और रणनीतिक सहयोग पर फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का हवाई अड्डे पर की अगवानी, एक ही कार में हुए सवार

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- December 04, 2025 | 10:59 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन गुरुवार शाम को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। तीन महीने पहले चीन के थ्यानचिन शहर में हुई मुलाकात की याद ताजा करते हुए दोनों नेता हवाई अड्डे से भारतीय और रूसी झंडे लगी एक ही गाड़ी में सवार होकर 7, लोक कल्याण मार्ग के लिए रवाना हुए, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मित्र’ पुतिन के लिए निजी रात्रिभोज का आयोजन किया।

रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद पुतिन की भारत यात्रा को रूसी लोगों ने ‘द्रूझबा दोस्ती’ का नाम दिया है, जिसका रूसी और हिंदी में अर्थ ‘मित्रता’ होता है। हवाई अड्डे पर विमान से उतरते ही पुतिन और मोदी ने पहले हाथ मिलाया और फिर गले मिले।

क्रेमलिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का रूसी राष्ट्रपति से हवाई अड्डे पर मिलना अप्रत्याशित था। रूसी पक्ष को इस बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी। शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर चीन के थ्यानचिन शहर में हुई पिछली मुलाकात में भी दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया था। बाद में पुतिन ने अपनी लिमोजिन में मोदी के साथ लगभग 45 मिनट तक बात की थी।

जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को यात्रा के दौरान पुतिन ने मोदी की मेजबानी अपने डाचा या नोवो-ओगारियोवो के उपनगर में स्थित कंट्री होम में की। यह एक दुर्लभ सम्मान है जिसे रूसी राष्ट्रपति कुछ ही विदेशी नेताओं के लिए दिखाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 11 वर्षों के कार्यकाल के दौरान बहुत कम नेताओं के लिए ही अपने आवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया है। जिन शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों का मोदी ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया है, उनमें 2015 में बराक ओबामा, 2018 में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, 2016 में यूएई के क्राउन प्रिंस, तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, जापान के शिंजो आबे और बांग्लादेश की शेख हसीना शामिल हैं।

दोनों नेताओं का शुक्रवार को काफी व्यस्त कार्यक्रम है। वे हैदराबाद हाउस में अपनी 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। दोनों पक्षों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर करने, अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में संतुलन लाने के लिए कदम उठाने की उम्मीद है। रूस के राष्ट्रपति के साथ व्यापार प्रतिनिधिमंडल और 7 वरिष्ठ मंत्री भी आए हैं।

रूस रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत के साथ अपने व्यापार को बचाने की कोशिश कर रहा है। भारत और रूस का लक्ष्य 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना है। दोनों देश गतिशीलता समझौते पर भी हस्ताक्षर करने वाले हैं जो भारतीय अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों को रूस में विशेष रूप से उसके स्वास्थ्य सेवा और निर्माण क्षेत्रों में काम करने की अनुमति देगा।

रूसी ऋणदाताओं गजप्रोमबैंक और अल्फा बैंक ने भी भारत में परिचालन शुरू करने की मंजूरी मांगी है, जबकि रूस के केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि उसने मुंबई में एक कार्यालय खोला है। उम्मीद है कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रूस के शीर्ष पोटाश और अमोनियम नाइट्रेट उत्पादक उरलकेम समूह के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि नई दिल्ली को इस क्षेत्र में मास्को के साथ अपने सहयोग को गहरा करने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार शाम को रूसी संघ के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के नेतृत्व में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और दोनों पक्षों ने निवेश, बैंकिंग और फाइनैंस से संबंधित आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। शुक्रवार सुबह पुतिन का औपचारिक स्वागत किया जाएगा और इसके बाद वह राजघाट जाएंगे। हैदराबाद हाउस में शिखर वार्ता के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापार सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। वह आईटीसी मौर्य में र​शिया टुडे इंडिया चैनल का भी का उद्घाटन करेंगे।

First Published : December 4, 2025 | 10:57 PM IST