दिल्ली में 15 साल पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं देने और उन्हें जब्त करने की कार्रवाई के पहले दिन जहां ग्राहकों में इसके प्रति चिंता दिखी। वहीं, ऐसे वाहनों की जांच में तेजी तथा पेट्रोल पंपों पर डीलरों की चुस्ती-फुर्ती देखने मिली। मंगलवार से शुरू हुए दिल्ली सरकार के प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने के शहरव्यापी अभियान में करीब 62 लाख गाड़ियों को लक्षित किया गया है।
देश की राजधानी में प्रदूषित हवा को साफ करने के उद्देश्य से पूरे शहर में 10 साल पुरानी डीजल गाड़यों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन वाहनों को जब्त करने की दिशा में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने परिवहन विभाग को 498 पेट्रोल पंप और दूसरे राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाले 156 स्थानों पर कैमरे और सायरन लगाने के लिए कहा है।
कनॉट प्लेस के एक पेट्रोल पंप मैनेजर विक्रम सिंह ने बताया, ‘ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे ऐसे वाहनों का पता लगाते हैं और सायरन बजाते हैं। पुलिस वालों ने हमें उन्हें ईंधन देने से मना कर दिया है।’ दिल्ली सरकार ने ये कैमरे और सायरन खरीदे हैं तथा इन्हें अब स्थायी तौर पर पेट्रोल पंप पर लगाया जा रहा है।
मंगलवार को 350 पेट्रोल पंपों पर बड़ी संख्या में पुलिस और ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन के पास एचपीसीएल के पेट्रोल पंप पर दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी पूरी निगरानी करते हुए दिखे। पुलिस कर्मियों ने बताया कि अभी लोगों को इसकी जानकारी है। इसलिए वे अभी गाड़ी लेकर बाहर नहीं निकलेंगे, इसलिए इस हफ्ते कम कार्रवाई हो सकती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ने बताया कि सतर्कता सुनिश्चित करने और नियमों के पालन में ढिलाई रोकने के लिए रोस्टर के आधार पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। कनॉट प्लेस के ही इंडियन ऑयल पेट्रोल पर पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात दिखे।
उन्होंने बताया कि वे एएनपीआर का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन साथ-साथी ही वाहनों की मैन्युअल तरीके से भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने अब तक दो मोटरसाइकल जब्त किए हैं।’। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने भी इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया, ‘मंगलवार की शाम तक तीन गाड़ियां जब्त की गई हैं। इनमें कनॉट प्लेस से दो मोटरसाइकल और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से एक मर्सिडीज कार शामिल हैं।’
हालांकि, खबर प्रकाशित होने तक परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस या सीएक्यूएम द्वारा जब्त वाहनों की आधिकारिक संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
निश्चल बताते हैं कि भले ही प्रतिबंध के कारण अधिक वाहन नहीं जब्त किए गए हैं मगर इसने शहर के ग्राहकों को डरा जरूर दिया है। उन्होंने कहा, ‘इस बीच, पूरे शहर और सीमा के पास वाले इलाकों के पेट्रोल पंपों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। ग्राहक अब गाजियाबाद और नोएडा जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अलग शहरों में जा रहे हैं।’ निश्चल ने कहा कि इस बीच, कई पेट्रोल पंप की शिकायत है कि कैमरे सही तरीके से नहीं लगाए गए हैं और कई लोगों का कहना है कि उन्हें अब तक उपकरण नहीं मिले हैं।
नतीजतन, दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांग है कि इसके व्यापक प्रभाव के लिए पूरे एनसीआर में ईंधन पर प्रतिबंध लगाई जाए। उन्होंने बताया, ‘सीएक्यूएम ने कहा है कि 1 नवंबर तक इसे पूरे एनसीआर में बढ़ाया जाना चाहिए। तब तक ऐसा नहीं लगता है कि इसका पूरा असर दिखेगा।’
सीएक्यूएम के मुताबिक, दिल्ली में पंजीकृत 80 लाख से अधिक वाहनों में 62 लाख गाड़ियां 10-15 साल पुरानी हैं। इनमे से 42 लाख दोपहिया हैं। मगर उद्योग के अधिकतर लोगों का मानना है कि यह संख्या अब इतनी ज्यादा भी नहीं हैं। ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘इनमें से कई गाड़ियां अब तक दूसरे राज्यों के लोगों को बेची जा चुकी हैं, जो आमतौर पर उन्हें पंजीकृत नहीं कराते हैं।’