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मध्य प्रदेश-राजस्थान में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत, भारत में बढ़ रही घटिया दवाओं की बिक्री

इस साल 2025 में लगभग 1,139 दवाइयां घटिया पाई गईं, जिनमें 45 फीसदी गोलियां, 14 फीसदी कैप्सूल और 8 फीसदी लिक्विड फॉर्मूलेशन शामिल थे

Published by
जयंत पंकज   
Last Updated- October 08, 2025 | 10:08 PM IST

मध्य प्रदेश और राजस्थान में दूषित कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले ने एक बार फिर भारत में घटिया दवाओं को लेकर बढ़ती चिंता को उजागर किया है। अब एक बार फिर उन दवाइयों पर चिंता जताई जा रही हैं जो सरकारी गैर-मानक गुणवत्ता औषधि (एनएसक्यूडी) परीक्षणों में खरी नहीं उतरतीं।

इस साल 2025 में लगभग 1,139 दवाइयां घटिया पाई गईं, जिनमें 45 फीसदी गोलियां, 14 फीसदी कैप्सूल और 8 फीसदी लिक्विड फॉर्मूलेशन शामिल थे। यह समस्या सिर्फ घरेलू बाजार तक ही सीमित नहीं है। 2023 में भारत को वैश्विक जांच का सामना करना पड़ा जब उसके कफ सिरप को गाम्बिया में दर्जनों बच्चों की हुई मौत से जोड़ा गया।

भारत में एनएसक्यूडी परीक्षणों में विफल होने वाली दवाओं की संख्या 2019 में 404 से घटकर 2020 में 322 हो गई थी। मगर बाद में यह संख्या साल 2022 में बढ़कर 573 और 2025 में 1,139 हो गई।

भारत के जिन सात राज्यों में घटिया दवाएं जब्त की गई हैं, उनमें से चार राज्यों में हर साल ऐसी दवाइयों में वृद्धि देखी गई है। इनमें पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र की सबसे अधिक हिस्सेदारी रही है। जांच के दौरान नियामकों ने पाया कि सक्रिय अवयवों से संबंधित मानदंडों का अधिकतर उल्लंघन किया गया था।

First Published : October 8, 2025 | 10:01 PM IST