Congress Manifesto: कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा है कि वह कारोबार में एकाधिकार और अल्पाधिकार के विरुद्ध है और वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को मजबूत करेगी ताकि भारत एक खुली और प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बन सके। प्रतिस्पर्धा कानून की जानकारी रखने वालों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा कानून की मौजूदा व्यवस्था एकाधिकार पर रोक नहीं लगाती है बल्कि एकाधिकार स्थिति का दुरुपयोग रोकती है।
चुनावों से पहले अपनी नीति का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह बंदरगाहों और हवाई अड्डों के बीच दक्षता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एक नियामक व्यवस्था बनाएगी। ऑनलाइन कारोबार से तेज प्रतिस्पर्धा झेलने वाले दुकानदारों और छोटे खुदरा व्यापारियों की सुरक्षा के लिए कांग्रेस ने कर राहत का भी प्रस्ताव दिया है।
देश के प्रमुख विपक्षी दल ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह भी कहा है कि सरकार में आने के बाद वह मीडिया के एकाधिकार, मीडिया के अलग-अलग क्षेत्रों में क्रॉस होडिंग और कारोबारी संगठनों द्वारा मीडिया पर नियंत्रण पर रोक के लिए भी एक कानून लाएगी। पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है, ‘कांग्रेस संदिग्ध एकाधिकार के मामलों को भी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से पास भेजेगी।’
कांग्रेस ने कहा वह सभी व्यवसायों के लिए समान अवसर तैयार करने की योजना बना रही है। उद्योग के एक जानकार का कहना है, ‘इन नीतियों का कार्यान्वयन आर्थिक वृद्धि में बाधा डाले बिना वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए महत्त्वपूर्ण होगा।’
पार्टी के चुनावी घोषणापत्र के मुद्दों पर ध्यान प्रतिस्पर्धा कानून में किए गए बदलावों के बीच आया है। इसमें प्रतिबद्धता और निपटान तंत्र, उदारता प्लस शासन की शुरुआत है।
प्रतिस्पर्धा कानून में पहली बार विलय और अधिग्रहण को मंजूरी देने के लिए केवल परिसंपत्ति मूल्य के बजाय सौदा-मूल्य सीमा को भी शामिल किया जा रहा है। इसका उद्देश्य खासकर डिजिटल क्षेत्र में उच्च मूल्य के लेनदेन का लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।
मगर हालिया डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक को सभी हितधारकों का पूरा समर्थन नहीं मिल पाया है। कई बड़े प्रौद्योगिकी उद्योग के कई लोगों ने हल्के विनियमन की मांग की है, जो नवाचार को बाधित नहीं करता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में वित्तीय क्षेत्र के नियामकों और नई फिनटेक कंपनियों तथा स्टार्टअप के साथ अपनी बैठक में इस पर चिंता जताई थी। वित्त मंत्री ने नए जमाने की कंपनियों को नियामक मानदंडों पर कड़ी नजर रखते हुए नवाचार बरकरार रखने के लिए भी प्रोत्साहित किया था।