कांग्रेस पार्टी ने आयकर विभाग की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए दावा किया कि विभाग ने अलोकतांत्रिक तरीके से पार्टी के विभिन्न बैंकों से 65 करोड़ रुपये निकाल लिए, जबकि उनका रिटर्न से संबंधित मामला पहले से ही अदालत में है। पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन ने चिंता व्यक्त की कि जांच एजेंसियों की अनियंत्रित कार्रवाई लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है।
अजय माकन ने बताया पूरा मामला
अजय माकन ने एक्स पर पोस्ट किया कि कल आयकर विभाग ने बैंकों को कांग्रेस पार्टी, एनएसयूआई और भारतीय युवा कांग्रेस के खातों से 65 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का आदेश दिया। इसमें से 5 करोड़ रुपये भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के हैं, जबकि 60 करोड़ रुपये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हैं। कुल 65 करोड़ रुपये तीन खातों में जमा हैं। दिल्ली में बैंक ऑफ बड़ौदा की केजी शाखा में 17.64 करोड़ रुपये से अधिक, कनॉट प्लेस में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 41.85 करोड़ रुपये और पंजाब नेशनल बैंक के पास 74.62 लाख रुपये से ज्यादा पैसे जमा हैं।
माकन ने पूछा- क्या बीजेपी टैक्स देती है?
उन्होंने पूछा कि क्या राष्ट्रीय पार्टियां आमतौर पर टैक्स देती हैं। उन्होंने कहा, नहीं। फिर उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी टैक्स देती है? उन्होंने उत्तर दिया नहीं, इसके बाद उन्होंने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस से 210 करोड़ रुपये क्यों मांगे जा रहे हैं?उन्होंने कहा, आज के आईटीएटी में हमने अपना मामला साझा किया है। सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
क्राउडफंडिंग और सदस्यता अभियान से इकट्ठा किया गया पैसा: माकन
अजय माकन ने कहा कि वह पैसा आईवाईसी और एनएसयूआई द्वारा क्राउडफंडिंग और सदस्यता अभियान जैसे जमीनी स्तर के प्रयासों के माध्यम से एकत्र किया गया था। इससे लोकतंत्र को लेकर चिंताएं पैदा होती हैं। उन्होंने न्यायपालिका पर भरोसा जताया और कहा कि पार्टी ने अपने बैंकरों को निर्देश दिया है कि कोई भी धनराशि न निकालें क्योंकि मामला अदालत में है। आईटी ट्रिब्यूनल में सुनवाई जारी है।