भारत

केंद्र ने UPSC को अभ्यर्थियों के वेरिफिकेशन के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण की अनुमति दी

खेडकर पर अन्य आरोपों के अलावा दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है।

Published by
भाषा   
Last Updated- August 29, 2024 | 10:48 AM IST

केंद्र सरकार ने बुधवार को पहली बार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को पंजीकरण के समय तथा परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण की अनुमति दे दी।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आयोग ने पिछले महीने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और योग्यता से परे सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए उन पर भविष्य की सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगा दी थी।

खेडकर पर अन्य आरोपों के अलावा दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है।

Also read: ‘महिला सुरक्षा: बस! बहुत हो चुका’, बंगाल में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या से आहत हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू

कार्मिक मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यूपीएससी को “वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी प्रमाणीकरण सुविधा का उपयोग किया जाएगा।”

First Published : August 29, 2024 | 10:45 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)