फाइल फोटो | पीटीआई
निर्वाचन आयोग (ECI) ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने बिहार में डाफ्ट्र लिस्ट पर सभी दावों और आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए ‘अंतिम मतदाता सूची’ जारी कर दी है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के हिस्से के रूप में इन्हें प्रकाशित किया गया था। बता दें कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भारत के निर्वाचन आयोग को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “विशेष गहन पुनरीक्षण के आलोक में, अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित कर दी गई है। लोग संबंधित लिंक पर क्लिक करके अपना नाम देख सकते हैं।” मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य में अंतिम मतदाता सूची के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
Also Read: भारत को रोजगार संकट से बचाने के लिए दोगुनी तेजी जरूरी: Morgan Stanley
SIR अभियान के बाद, इस साल 1 अगस्त को डाफ्ट्र वोटर लिस्ट प्रकाशित की गई थी। इसमें 7.24 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के नाम शामिल थे जिन्होंने अपना नामांकन फॉर्म जमा किया था।
हालांकि, 2024 के बिहार लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी। SIR के दौरान कम से कम 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए क्योंकि वे दिवंगत हो चुके थे या राज्य से पलायन कर चुके थे।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, 36,000 से ज्यादा मतदाताओं ने अपने नाम जोड़ने के लिए दावे दायर किए, जबकि 2,17,000 मतदाताओं ने नाम हटाने के लिए आवेदन किया। इसके अलावा, लगभग 3,00,000 मतदाताओं को आवश्यक दस्तावेज न जमा करने के कारण नोटिस जारी किए गए।
Also Read: EPFO ने किया आगाह- PF का किया गलत इस्तेमाल तो ब्याज समेत होगी वसूली
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद भी यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो प्रक्रिया रद्द की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतिम सूची प्रकाशित होने से यह कानूनी कार्रवाई से सुरक्षित नहीं हो जाती। SIR प्रक्रिया पर अंतिम सुनवाई 7 अक्टूबर को होने वाली है, जो पूरे देश में व्यापक बहस और विपक्ष की तीव्र आलोचना का कारण बनी है, खासकर इसके समय को लेकर।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग की कई बार आलोचना की है। उन्होंने आयोग और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर “संस्थागत वोट चोरी” का आरोप लगाया है। राहुल गांधी का कहना है कि लाखों असली मतदाता, खासकर गरीब, सूची से अन्यायपूर्ण तरीके से हटाए जा रहे हैं।
एजेंसी इनपुट के साथ