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26 लाख दीयों से जगमग हो उठी अयोध्या नगरी, दीपोत्सव का बना नया विश्व रिकॉर्ड

भव्य दीपोत्सव समारोह के दौरान एक साथ 26,17,215 दीप प्रज्वलित किए गए, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने ड्रोन से की दीयों की गणना

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वीरेंद्र सिंह रावत   
सिद्धार्थ कलहंस   
Last Updated- October 19, 2025 | 10:04 PM IST

दीवाली की पूर्व संध्या या ‘दीपोत्सव’ की पूर्व संध्या पर श्री राम की नगरी अयोध्या रविवार की रात उस समय नक्षत्रमंडल की तरह जगमगा उठी जब सरयू के तटों पर मिट्टी के 26 लाख से अधिक दीपक एक साथ जलने लगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहला दीया जलाया और देखते ही देखते शहर का कोना-कोना आकाश के सितारों की तरह रोशनी में नहा गया। इस बार पिछले दीपोत्सव से अधिक दीप जलाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने नया कीर्तिमान रच दिया। इस उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। यही नहीं, राज्य सरकार ने सरयू के तटों पर एक साथ 2,128 भक्तों द्वारा आरती करने का कीर्तिमान भी बनाया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने लगातार एक ही स्थान पर सबसे अधिक दीये रोशन करने के अपना ही कीर्तिमान  तोड़ा है। वर्ष 2023 और 2024 में दीपोत्सव के अवसर पर क्रमशः 22 लाख से अधिक और 25 लाख से अधिक दीपक सरयू के तटों पर जलाए गए थे। इस वर्ष उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के तत्वावधान में प्रमुख कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा किया गया, जिसमें 33,000 स्वयंसेवकों ने 26 लाख से अधिक दीयों की लौ को रोशन किया।

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी संत शरण मिश्रा ने बताया कि सरयू घाटों पर 28 लाख से अधिक दीयों की व्यवस्था की गई थी। घाट संख्या 10 पर स्वयंसेवकों ने 80,000 दीयों से विशाल ‘स्वस्तिक’ बनाया, जो शुभ माना जाता है। पिछले कई वर्षों से आयोजित किए जा रहे दीपोत्सव ने अयोध्या की आध्यात्मिक आभा को और गहरा कर दिया है। इससे राम की नगरी में न केवल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी है बल्कि पर्यटक भी खूब आकर्षित हो रहे हैं। विशेषकर 22 जनवरी, 2024 को भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तो भक्तों का तांता लग गया।

वर्ष 2017 में अयोध्या में 1.78 करोड़ पर्यटक आए थे, जबकि 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 16.44 करोड़ हो गई और इस साल के पहली छमाही में और बढ़कर यह 23.82 करोड़ तक पहुंच गई। खास बात यह है कि इनमें लगभग 50,000 पर्यटक दूसरे देशों से आए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘योगी सरकार दीपोत्सव के माध्यम से अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भव्यता को बढ़ाते हुए इसे वैश्विक तीर्थाटन और पर्यटन केंद्र के रूप में ढालना चाहती है।’

अधिकारी ने यह भी कहा कि शहर में राम भक्तों की सख्या में वृद्धि से स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी बल मिला है। रोजगार के नए-नए अवसर खुले हैं। साथ ही यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और शानदार रेलवे स्टेशन समेत व्यापक आधुनिक बुनियादी ढांचा विकसित हुआ है।

इस साल दीपोत्सव में लेजर शो, संगीत और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंडलियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही श्रद्धेय श्रीराम के जीवन को दर्शाती रंगीन झांकियां भी निकाली गईं। साकेत महाविद्यालय से प्रारंभ होकर रामकथा पार्क तक पहुंची इस शोभायात्रा में रामायण के सातों कांड- बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड को जीवंत करती 22 आकर्षक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया। विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने मयूर, बढ़वां, देहड़िया, धोबिया और अन्य लोकनृत्यों के माध्यम से वातावरण में उल्लास भर दिया।

महा आरती सरयू नदी के जगमगाते किनारों पर हुई, जिसमें वैदिक विद्वानों ने भजनों का जाप किया। राम धुन के साथ झिलमिलाते असंख्य दीयों ने अद्भुत भक्तिपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया।

शहर के ऊपर आकाश में भगवान हनुमान की छवियों को दर्शाते हुए 1,100 मेड-इन-इंडिया ड्रोन ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। जब गिनीज अधिकारी ने दो नए रिकॉर्ड की घोषणा की तो हर कोई खुशी से झूम उठा और मुख्यमंत्री ने भीड़ से अपने स्मार्टफोन को ऊपर लहराने की अपील की। इससे पारंपरिक भक्ति और आधुनिक तकनीक का बेजोड़ संगम देखते ही बनता था। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया, जिन्होंने समारोहों के बारे में तरह-तरह की बातें कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश को पहचान के लिए नहीं जूझना पड़ता। जहां कभी गोलियां चली थीं, आज हम वहीं दीप जला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में जब हम लोगों ने 2017 में दीपोत्सव करने का निर्णय लिया था, इसके पीछे का भाव था कि दुनिया को दिखाना है कि दीप प्रज्ज्वलन कैसे होते हैं।

First Published : October 19, 2025 | 10:00 PM IST