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आतिशी के समक्ष महिला सम्मान योजना को लागू करना होगा चुनौती, चुनाव से पहले अहम परीक्षा

आतिशी के समक्ष महिलाओं के लिए मासिक प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के महिला सम्मान योजना को लागू करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- September 23, 2024 | 11:34 PM IST

दिल्ली में विधान सभा चुनाव में पांच महीने से भी कम वक्त बचा है। ऐसे में शनिवार को ही केंद्र शासित प्रदेश की मुख्यमंत्री का पद संभालने वाली आतिशी के समक्ष महिलाओं के लिए मासिक प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के महिला सम्मान योजना को लागू करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा।

वित्त मंत्री के तौर पर आतिशी ने बीते मार्च में 2024-25 का बजट पेश करते हुए इस योजना का ऐलान किया था। दिल्ली में इस योजना के आगामी अक्टूबर में शुरू किए जाने की संभावना है। इसी के साथ दिल्ली उन राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा जो 2020 में इसी प्रकार की डीबीटी योजना को लागू कर चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधान सभा चुनाव को देखते हुए लगभग सभी बड़े राजनीतिक दलों ने महिलाओं के लिए मासिक भत्ते का ऐलान किया है। शीघ्र ही चुनाव वाले अन्य दो राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड की सरकारों ने भी कुछ सप्ताह पहले ही महिलाओं के लिए मासिक नकद योजना का ऐलान किया है।

महिलाओं के बारे में योजनाओं का ऐलान राजनीतिक दलों के लिए सीधा वोट बैंक से जुड़ा है। वर्ष 2009 से कुछ राज्यों में वोट डालने वाली महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले बेहतर रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों उनको ध्यान में रखकर योजनाओं का ऐलान कर रहे हैं। महिला-पुरुष अनुपात में सुधार होने से कई राज्यों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं के मुकाबले अधिक हो गई है।

एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2029 के लोक सभा चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक हो जाएगी। लोक सभा चुनाव के साथ ओडिशा में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा ने सुभद्रा योजना का ऐलान कर नवीन पटनायक नीत बीजू जनता दल की चूलें हिला दीं।

मिशन शक्ति योजना के कारण जो महिलाएं दो दशक से भी अधिक समय से नवीन सरकार की मुरीद थीं, उनका पूरा वोट बैंक एक झटके में भाजपा की तरफ खिसक आया। मिशन शक्ति बुजुर्ग महिलाओं के लिए थी, जबकि भाजपा की सुभद्रा 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के लिए है।

ऐसी लोक लुभावन योजनाओं का ही प्रभाव है कि गृह मंत्री अमित शाह को लोक सभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में ऐलान करना पड़ा कि ममता सरकार द्वारा शुरू की गई लक्ष्मी भंडार योजना को बंद नहीं किया जाएगा। शाह ने इस योजना के तहत मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी का ही ऐलान किया था। विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं के लिए इस प्रकार की योजना कई मायने में असरकारक होती हैं।

First Published : September 23, 2024 | 11:18 PM IST