इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि भारत को अपनी सिविल सेवाओं में बदलाव करने की ज़रूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की भर्ती सिर्फ UPSC परीक्षा के ज़रिए न होकर बिजनेस स्कूल के माध्यम से भी होनी चाहिए।
मूर्ति ने कहा, “भारत को एडमिनिस्ट्रेशन की सोच से बाहर निकलकर मैनेजमेंट की सोच अपनाने की ज़रूरत है। मैनेजमेंट का मतलब है बड़े सपने देखना और ऊंचे लक्ष्य हासिल करना।”
उनके मुताबिक, मौजूदा UPSC सिस्टम सिर्फ जनरल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए अफसर तैयार करता है। लेकिन आज के दौर में ऐसे अफसरों की ज़रूरत है जो विजन (Vision), लागत नियंत्रण (Cost Control), इनोवेशन (Innovation) और तेज़ फैसले लेने की क्षमता रखते हों।
हाल ही में उनके “70 घंटे काम” वाले बयान पर हुई आलोचना पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। मूर्ति ने कहा, “भारत जैसे देश को तेज़ी से विकास करने के लिए कड़ी मेहनत की ज़रूरत है। हमें पहले जीवन बनाना है, फिर वर्क-लाइफ बैलेंस (Work-Life Balance) की बात करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “25 साल पहले के वी कामथ ने कहा था कि भारत एक गरीब देश है। हमें पहले अच्छा जीवन बनाना होगा, उसके बाद संतुलन पर ध्यान देना चाहिए।”
अंत में मूर्ति ने भारत के $50 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा कि ये तभी संभव है, जब हम बदलाव के लिए तैयार हों।