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AIIMS के चिकित्सकों की PM मोदी से अपील, स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए बने कानून

पत्र में कहा गया है, ''हम सच्चे मन से इन पवित्र स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपके सहयोग का अनुरोध करते हैं।''

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भाषा   
Last Updated- August 19, 2024 | 6:47 AM IST

Kolkata Doctor Case: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर देशभर में स्वास्थ्यकर्मियों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश के जरिये केंद्रीय कानून बनाने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।

आरडीए ने कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कानून-व्यवस्था बहाल करने का भी आग्रह किया। यहां नौ अगस्त को एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकिस्तक के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था और फिर उसकी हत्या कर दी गई।

एम्स आरडीए ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और देश भर में चिकित्सा संस्थानों, स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों का भी जिक्र किया। केंद्र द्वारा संचालित चिकित्सा संस्थान के चिकित्सकों ने पत्र में कहा कि अस्पताल, मंदिरों के समान हैं, जहां लोगों को उम्मीद की किरण दिखती है।

पत्र में कहा गया है, ”हम सच्चे मन से इन पवित्र स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपके सहयोग का अनुरोध करते हैं।”

आरडीए ने कहा कि डॉक्टर जीवन-मरण की चुनौतियों से भरे वातावरण में काम करते हैं, जिससे वे असुरक्षित हो जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में चिकित्सकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताते हुए उन लोगों की सुरक्षा के लिए मजबूत और समान कानून बनाने का आह्वान किया, जिन्होंने अपना जीवन दूसरों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।

आरडीए ने अध्यादेश के जरिये केंद्रीय कानून लाने का आग्रह करते हुए कहा, ”हम भारत सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि आप हस्तक्षेप कर पूरे देश में स्वास्थ्यकर्मियों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश के माध्यम से एक केंद्रीय कानून बनाने पर विचार करें।”

एम्स आरडीए ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कानून एवं व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने तथा पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राहत मिलेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत मिसाल भी कायम होगी।

First Published : August 19, 2024 | 6:47 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)