भारत

दक्षिणी राज्यों में प्रजनन दर घटने की चिंता, चंद्रबाबू नायडू के बाद तमिलनाडु के CM एम के स्टालिन ने किया अधिक संतान का आह्वान

देश के दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह भी कहा है कि युवा लोगों की तुलना में बुजुर्ग आबादी तेजी से बढ़ रही है जिससे आर्थिक चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं।

Published by
अर्चिस मोहन   
Last Updated- October 21, 2024 | 10:32 PM IST

दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस क्षेत्र में घटती आबादी से होने वाले नुकसान पर चिंता जताई है। पिछले तीन दिनों से इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अलग-अलग बयानों में कहा है कि उनके क्षेत्र प्रजनन दर में कमी से वे जनसांख्यिकीय लाभ से वंचित रह सकते हैं। इन राज्यों में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) इतनी कम हो गई है कि इसकी भरपाई मुश्किल हो गई है।

देश के दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह भी कहा है कि युवा लोगों की तुलना में बुजुर्ग आबादी तेजी से बढ़ रही है जिससे आर्थिक चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगली जनगणना के आधार पर इन राज्यों में लोक सभा सीटों का भी परिसीमन होगा जिसके बाद इनका राजनीतिक प्रभाव भी कम हो जाएगा।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के उनके समकक्ष एम के स्टालिन ने लोगों से अधिक संतान उत्पत्ति का आग्रह किया है। इन बयानों से देश में कई दशकों से जनसंख्या प्रबंधन नीतियों पर सवालिया निशान लग गए हैं।

शनिवार को नायडू ने कहा था कि उनकी सरकार लोगों को अधिक संतान पैदा करने के लिए प्रोत्साहन देने की तैयारी कर रही है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है। सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने आबादी नियंत्रण पर चल रही बहस को परिसीमन के बाद उनके राज्यों के राजनीतिक प्रभाव को होने वाले नुकसान से जोड़ने की कोशिश की।

First Published : October 21, 2024 | 10:32 PM IST