भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आर्थिक संसाधन जुटाने में अन्य दलों को बड़े अंतर से पछाड़ दिया है। भाजपा की घोषित आय अन्य दलों की तुलना में कहीं अधिक रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के बहीखाते की सालाना जांच (ऑडिट) रिपोर्ट के अनुसार इन दलों द्वारा घोषित कुल आय 3,076.88 करोड़ रुपये में भाजपा का हिस्सा 76.33 प्रतिशत रहा है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने इस आंकड़े का विश्लेषण किया है। इसके अनुसार कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और बहुजन समाज पार्टी की आय वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में कम रही।
ये आंकड़े इन छह ‘राष्ट्रीय दलों’ द्वारा निर्वाचन आयोग को सौंपी उनकी सालाना ऑडिट रिपोर्ट पर आधारित है। एडीआर ने इन दलों की कुल घोषित आय एवं व्यय का विश्लेषण किया है।
आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में भाजपा की कुल आय में चुनावी बॉन्ड के जरिये आने वाले चंदे की हिस्सेदारी 54.82 प्रतिशत रही। कांग्रेस के मामले में यह आंकड़ा 37.80 प्रतिशत रही जबकि, आम आदमी पार्टी (आप) की कुल आय में चुनावी बॉन्ड से मिलने वाली रकम की हिस्सेदारी 53.36 प्रतिशत रही। अन्य तीन ‘राष्ट्रीय दलों’ ने कहा कि उन्हें वित्त वर्ष 2022-23 में चुनावी बॉन्ड के जरिये कोई रकम नहीं मिली।
आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में भाजपा ने ‘चुनावी अभियान एवं प्रचार’ से संबंधित कार्यों पर सर्वाधिक रकम खर्च की। भाजपा ने चुनाव संबंधी कार्यों पर 1,092.15 करोड़ रुपये (इसकी कुल व्यय का 80.21 प्रतिशत) और ‘प्रशासनिक एवं सामान्य’ कार्यों पर 191.42 करोड़ रुपये (14.06 प्रतिशत) खर्च किए।
कांग्रेस ने सबसे अधिक खर्च ‘प्रशासनिक एवं सामान्य’ कार्यों पर किया। पार्टी ने इस मद में 235.83 करोड़ रुपये खर्च किए जो इसके कुल व्यय का 50.49 प्रतिशत रहा। चुनाव संबंधित खर्च 192.55 करोड़ रुपये (इसकी कुल व्यय का 41.22 प्रतिशत) किए।
भाजपा ने ‘कर्मचारी’ मद में जितनी रकम खर्च की वह इसकी कुल व्यय का 3.81 प्रतिशत रही। कांग्रेस ने कर्मचारियों पर 5.72 प्रतिशत रकम (कुल व्यय का ) खर्च किया। कर्मचारी मद में माकपा का खर्च इसके कुल व्यय का 42.06 प्रतिशत रहा।
इस समय छह दलों भाजपा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), माकपा, आप और नैशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) को राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त है।