केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को 29 मई से शुरू होने वाले 15 दिवसीय अखिल भारतीय अभियान की घोषणा की, जिसका उद्देश्य 700 जिलों के एक से डेढ़ करोड़ किसानों के बीच आधुनिक तकनीक और बीज की नई किस्मों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह अब तक की इस तरह की सबसे बड़ी कवायद है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा और नकली बीजों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार बीज अधिनियम, 1966 में संशोधन करने पर विचार करेगी।
बहरहाल 12 जून को समाप्त होने वाले अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिकों, राज्य के अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों सहित अन्य लोगों की 2,000 टीमें देश भर में किसानों से संपर्क करेंगी। इस अभियान को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ नाम दिया गया है। हर टीम जिला स्तर पर रोज 3 बैठकें करेगी। इसका मकसद रोजाना 10 से 12 लाख किसानों तक पहुंचना है। देश के करीब 3,100 कृषि वैज्ञानिकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो किसानों को नई गतिविधियों के बारे में प्रशिक्षण देंगे।
खरीफ अभियान के लिए कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने सभी प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि विस्तार सेवाओं में सुधार पर जोर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘देश के हर जिले में रोजाना करीब 1,200 से 1,800 किसानों से बातचीत करने और 2-3 ग्राम पंचायतों में पहुंचने का लक्ष्य है।’
इस बीच अभियान के तहत किसानों को एक फीडबैक फॉर्म भी दिया जाएगा, जिसमें वे अपने अनुभव और सीख बता सकेंगे। एक समर्पित सेल इस मेगा अभियान की राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी करेगा और हर दल रोजाना समीक्षा बैठक करेगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
चौहान ने कहा कि वह अभियान को सफल बनाने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखेंगे। सूत्रों ने कहा कि धान उत्पादक क्षेत्रों पर इस राष्ट्रीय अभियान का विशेष जोर होगा उन्हें सीधे धान बोने और जलवायु के अनुकूल किस्मों के बारे में जानकारी दी जाएगी।