वित्त-बीमा

यूनीफाइड मार्केट इंटरफेस पर हो रहा काम, बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी बन रही बड़ी समस्या : RBI गवर्नर

मल्होत्रा ने फिनटेक इकोसिस्टम से ग्राहकों को प्राथमिकता देने और इस्तेमाल में सरल व सबकी पहुंच वाले उत्पाद विकसित करने का अनुरोध किया

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मनोजित साहा   
Last Updated- October 08, 2025 | 11:23 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में बोलते हुए कहा कि बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी नियामक के लिए समस्या बन गई है। उन्होंने फिनटेक इकोसिस्टम से ग्राहकों को प्राथमिकता देने और इस्तेमाल में सरल व सबकी पहुंच वाले उत्पाद विकसित करने का अनुरोध किया।

मल्होत्रा ​​ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक अगली पीढ़ी के नए वित्तीय बाजार ढांचे के रूप में ‘यूनीफाइड मार्केट इंटरफेस’ (यूएमआई) की अवधारणा पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस इंटरफेस में थोक सीबीडीसी (केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा) का उपयोग करके वित्तीय परिसंपत्तियों और निपटानों को टोकनाइज करने की क्षमता होगी।’

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के भविष्य पर असर का उल्लेख करते हुए मल्होत्रा ने कहा, ‘बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी हमारे लिए समस्या बन रही है।’ उन्होंने कहा कि डेटा इंटीग्रेशन के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने आईटी व्यवस्था को सुरक्षित, संरक्षित और धोखाधड़ी रहित बनाने की जरूरत पर जोर दिया।

ग्राहकों के लिए बाधारहित ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यूनीफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा डेटा इंटीग्रेशन में यह एक मील का पत्थर है और इससे ऋण वितरण की खाईं कम करने में मदद मिलेगी।

मल्होत्रा ने फिनटेक सेक्टर से समावेशन पर ध्यान केंद्रित करने और समाज के वंचित वर्गों तक वित्तीय संसाधनों का विस्तार करने के लिए प्रणालियों के निर्माण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘ऐसे उत्पाद और सेवाएं डिजाइन करें, जो उपयोग में आसान हों, सभी के लिए सुलभ हों, और सहायक तकनीकों का उपयोग करें, ताकि वरिष्ठ नागरिकों, सीमित डिजिटल साक्षरता वाले व्यक्तियों और कमजोर समूह पीछे न छूटने पाए।’

First Published : October 8, 2025 | 11:17 PM IST