वित्त-बीमा

कर्मचारियों की बदजुबानी पर सरकार की दो टूक, बैंक शाखाओं में सुधार का आदेश

मंत्रालय ने कहा है कि ग्राहक शिकायतों को समय पर और सही तरीके से संभालना जरूरी है, ताकि बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- May 24, 2025 | 7:19 AM IST

वित्त मंत्रालय ने हाल ही में कुछ सरकारी बैंकों में कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों से गलत व्यवहार की शिकायतों को देखते हुए सभी Public Sector Banks (PSBs) को सख्त निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने कहा है कि ग्राहक शिकायतों को समय पर और सही तरीके से संभालना जरूरी है, ताकि बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू ने सभी पीएसबी प्रमुखों से कहा है कि वे कर्मचारी आचरण से संबंधित तयशुदा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।

सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि बैंक समय-समय पर अपनी शाखाओं के प्रबंधकों के प्रदर्शन की समीक्षा करें। इन समीक्षाओं में शाखा की साफ-सफाई, उसकी समग्र व्यवस्था और स्टाफ द्वारा ग्राहकों के साथ किए जा रहे व्यवहार को मुख्य रूप से आंका जाएगा। मंत्रालय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों को बैंकों में बेहतर सेवाएं मिलें और बैंकिंग अनुभव अधिक सहज और सम्मानजनक हो।

हाल ही में कर्नाटक के एक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ब्रांच से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसने राज्य में चल रही भाषा को लेकर बहस को और तेज़ कर दिया है।

वीडियो में एक ग्राहक बैंक अधिकारी से Kannada में बात करने की मांग करता है। इस पर अधिकारी कहती हैं कि वह क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल नहीं करेंगी। इस जवाब के बाद सोशल मीडिया पर काफी नाराज़गी देखने को मिली और जनता के विरोध के चलते उस अधिकारी ने बाद में माफ़ी का एक वीडियो जारी किया।

इस मामले पर SBI ने बयान जारी कर कहा, “State Bank of India का यह स्पष्ट नियम है कि हम किसी भी ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करते जो हमारे ग्राहकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए। हम हर नागरिक के प्रति सम्मानजनक और मर्यादित व्यवहार बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

हाल ही में नागराजू ने दिल्ली की कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों (PSBs) में अचानक दौरा किया। इस दौरान उन्हें कुछ चौंकाने वाले अनुभव हुए। एक बैंक में उन्हें मैनेजर से मिलने के लिए एक घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा। वहीं, दूसरी कुछ ब्रांचों में बैंक स्टाफ का व्यवहार संतोषजनक नहीं था।

इन सरप्राइज़ विज़िट्स का मकसद ये देखना था कि PSBs के कर्मचारी ग्राहकों से कैसे पेश आते हैं और वे प्राइवेट बैंकों की तुलना में कहां पीछे रह जाते हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस निरीक्षण के दौरान सचिव ने पाया कि कई जगहों पर स्टाफ का व्यवहार काफी रूखा था।
सूत्र ने आगे कहा, “किसी भी चीज़ से मना करने का भी एक तरीका होना चाहिए। बैंक कर्मचारियों को ग्राहकों के प्रति थोड़ा उदार (generous) होना चाहिए।”

पब्लिक सेक्टर बैंक (PSBs) अब अपने फ्रंटलाइन स्टाफ की soft skills को बेहतर बनाने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं। इन ट्रेनिंग में एक नया इनोवेटिव लेयर भी जोड़ा गया है – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। AI की मदद से कर्मचारियों को रियल वर्ल्ड इंटरैक्शन का अनुभव दिया जा रहा है ताकि वे बेहतर तरीके से ग्राहकों से बात कर सकें और उनकी समस्याएं समझ सकें।

यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि हाल के समय में डिपॉज़िट ग्रोथ में गिरावट देखी गई है और वित्त मंत्रालय को कस्टमर सर्विस में असमानता को लेकर चिंता हो रही है।

एक सीनियर बैंकर ने कहा, “PSBs अब कस्टमर से जुड़ाव मजबूत करने पर ज़ोर दे रहे हैं। इसके लिए वे AI और अन्य डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं।”

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, अशोक चंद्रा ने कहा: “कस्टमर सर्विस हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और हम इसे सुधारने के लिए पूरी तरह से फोकस्ड हैं। हमने एक नया सिस्टम शुरू किया है जिसमें कस्टमर किसी ट्रांजेक्शन के बाद तुरंत फीडबैक दे सकते हैं। यह फीडबैक डायरेक्ट हमारे हेड ऑफिस के सिस्टम से जुड़ा है जिससे रियल टाइम में सर्विस की क्वालिटी को ट्रैक और इवैल्यूएट किया जा सके।”

वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में, आरबीआई के लोकपाल कार्यालय को सबसे ज़्यादा शिकायतें पब्लिक सेक्टर बैंकों के खिलाफ मिलीं — कुल शिकायतों का 38.32%। वहीं प्राइवेट बैंकों के खिलाफ यह आंकड़ा 34.39% रहा।

First Published : May 24, 2025 | 7:17 AM IST