देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 45 मिनट में ऋण की मंजूरी देने के मकसद से ‘एसएमई डिजिटल बिजनेस लोन’ की पेशकश की है। बैंक का मानना है कि अगले पांच वर्षों में बैंक की वृद्धि और मुनाफे के लिए एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले कारोबार) कारोबार महत्वपूर्ण है।
एसबीआई ने कहा, ‘यह नई योजना, लघु एवं मझोले स्तर के उद्यमों को ऋण देने की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण करने के संबंधित है। इस डिजिटल ऋण प्रक्रिया में महज 45 मिनट का वक्त लगेगा।’ ऐसे में परंपरागत तौर पर ऋण देने की जटिल प्रक्रिया भी खत्म हो जाएगी और एमएसएमई ऋण में सरलता, रफ्तार और सहज पहुंच का एक नया दौर शुरू हो जाएगा।
करीब 50 लाख रुपये तक के ऋण के लिए एसबीआई ने फाइनैंशियल स्टेटमेंट की आवश्यकता में छूट दी है और वे इसके बजाय लेन-देन के पिछले ब्योरे और जीएसटी रिटर्न पर निर्भर होंगे।
एसबीआई ने ऋण देने की पात्रता का आकलन करने के लिए एक डेटा आधारित तकनीक तैयार की है जो आयकर रिटर्न, जीएसटी रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट जैसे प्रमाणित डेटा का आकलन इन जानकारियों के जमा होने के महज 10 सेकंड के भीतर कर लेता है और फिर फैसले देता है। इसमें मानव संसाधनों का हस्तक्षेप नहीं होता है।