भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओवरनाइट परिवर्तनीय रिवर्स रीपो दर (वीआरआरआर) नीलामी गुरुवार को सुस्त रही। भागीदार बैंकों ने अधिसूचित 50,000 करोड़ रुपये की जगह मात्र 13,075 करोड़ रुपये रखे। बैंकों को ओवरनाइट दर बढ़ने के कारण वीआरआरआर नीलामी में हिस्सा लेना कम आकर्षक हो गया। रिजर्व बैंक ने इस राशि के लिए 5.49 प्रतिशत कट ऑफ दर मंजूर की थी।
आरबीआई के वीआरआरआर संचालन का लक्ष्य बैंकिंग प्रणाली से अधिशेष नकदी को अधिशोषित करना होता है और यह अल्पावधि दर को नीतिगत रीपो दर के करीब रखती है। रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़े के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में 2.54 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध अधिशेष नकदी थी। निजी बैंक के ट्रेजरी ने बताया, ‘नीलामी कम थीं क्योंकि बैंकों ने रिजर्व बैंक के पास पहले ही करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि रख दी थी। इसके अलावा ओवरनाइट दर बढ़ गई थी। इससे वीआरआरआर में कोष रखने के कोई मायने नहीं रहते हैं।
ओवरनाइट भारांश औसत कॉल दर (डब्ल्यूएसीआर) 5.49 प्रतिशत पर आ गई थी जबकि यह बीते दिन 5.37 प्रतिशत थी। हालांकि त्रिपक्षीय रीपो दर 5.43 प्रतिशत पर आ गई थी जबकि यह बुधवार को 5.33 प्रतिशत थी। मौद्रिक नीति का संचालन लक्ष्य डब्ल्यूएसीआर है और इसे रिजर्व बैंक रीपो दर के करीब रखना चाहता है।