RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय के तहत ऋण संबंधित जानकारी पाक्षिक आधार पर सौंपना अनिवार्य बना दिया। बैंकिंग नियामक ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि यह बदलाव 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होगा।
मौजूदा समय में, क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (सीआई) को अपने उधारकर्ताओं की ऋण संबंधित जानकारी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनीज (सीआईसी) को मासिक आधार पर या ऐसे छोटे अंतरालों (जैसा कि सीआई और सीआईसी के बीच पारस्परिक सहमति से तय हो) पर रिपोर्ट करना आवश्यक है।
मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘ऋण जानकारी की रिपोर्टिंग की फ्रिक्वेंसी बढ़ाकर पाक्षिक आधार या संक्षिप्त अवधि करने का निर्णय लिया गया है।’
इसके परिणामस्वरूप, ऋण लेने वालों को अपनी ऋण जानकारी जल्द अपडेट होने से, खासकर अपना बकाया चुकाते वक्त फायदा होगा। वहीं ऋणदाता भी ग्राहकों का बेहतर तरीके से जोखिम आकलन करने में सक्षम होंगे।