facebookmetapixel
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदीउत्तराखंड आर्थिक मोर्चे पर तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन पारिस्थितिक चिंताएं अभी भी मौजूद

रिजर्व बैंक की भविष्य की नकदी जरूरतों के लिए मुद्रा प्रबंधन बुनियादी ढांचे में सुधार की योजना

मुद्रा प्रबंधन बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए परामर्श और परियोजना प्रबंधन सेवाएं देने के लिए आरबीआई ने रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए हैं।

Last Updated- September 15, 2024 | 3:02 PM IST
RBI plans to improve currency management infrastructure for future cash needs रिजर्व बैंक की भविष्य की नकदी जरूरतों के लिए मुद्रा प्रबंधन बुनियादी ढांचे में सुधार की योजना

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले 4-5 साल में अपने मुद्रा प्रबंधन बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार करने की योजना बना रहा है। इस पहल का मकसद बढ़ती अर्थव्यवस्था की भविष्य की नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडारण और प्रबंधन क्षमता सुनिश्चित करना है।

रिजर्व बैंक के एक दस्तावेज के अनुसार, मौजूदा बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए अत्याधुनिक मुद्रा प्रबंधन केंद्रों का निर्माण, गोदाम स्वचालन की शुरुआत, सुरक्षा और निगरानी प्रणालियों की स्थापना, एक भंडार प्रबंधन प्रणाली और एक केंद्रीकृत नियंत्रण केंद्र पर विचार किया जा रहा है।

मुद्रा प्रबंधन बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए परामर्श और परियोजना प्रबंधन सेवाएं देने के लिए आरबीआई ने रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए हैं। इसके मुताबिक, पूरी परियोजना के लिए अपेक्षित समयसीमा 4-5 वर्ष है। दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘पिछले तीन वर्षों में एनआईसी (चलन में पत्र मुद्रा) की वृद्धि दर में नरमी के बावजूद, विश्लेषण से संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में वृद्धि सकारात्मक बनी रहेगी। अगले दशक में हालांकि इसकी गति धीमी रहने की उम्मीद है।’’

Also read: FPI Inflow: एफपीआई ने सितंबर के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजार में 27,856 करोड़ रुपये डाले

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मात्रा में वृद्धि के रुझान जारी रहने की उम्मीद है, और यह दर अधिक तेज हो सकती है। जनता की मूल्य संबंधी जरूरतें पर्याप्त रूप से और सुविधाजनक तरीके से पूरी हो सकें, इसलिए ऐसा करना होगा। मात्रा और मूल्य के संदर्भ में एनआईसी में पिछले दो दशक में काफी वृद्धि हुई है। मात्रा के लिहाज से एनआईसी 31 मार्च, 2023 को 136.21 अरब (बीपीसी) और 31 मार्च, 2024 तक 146.87 बीपीसी था। मात्रा और मूल्य के संदर्भ में चलन में सिक्के (सीआईसी) भी बढ़े हैं।

First Published - September 15, 2024 | 3:02 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट