शेयर बाजार में हालिया उठा-पटक में कई शेयरों को धराशायी कर दिया। लेकिन दीर्घावधि निवेशकों के लिए यह वरदान साबित हुआ है।
इस गिरावट ने कई निवेशकों को उचित कीमत पर शेयरों की खरीद का अवसर मुहैया कराया है। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन में निवेश भी ऐसा ही एक अवसर है। अक्टूबर, 2007 में इसके सूचीबद्ध होने के बाद ऑफर कीमत 51 रुपये प्रति शेयर की तुलना में इसका शेयर 90 रुपये पर था। कंपनी विशाल निवेश योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अगले चार-पांच वर्षों में अपनी क्षमता को दोगुना करने के अलावा टेलीकॉम ऑपरेटरों को लीजिंग स्पेस के जरिये संचरण टावर नेटवर्क उपलब्ध कराने की योजना है।विद्युत उत्पादन में निवेश योजनाओं के तहत पूरे देश में संचरण लाइन बिछाने के लिए और ग्राहकों के लिए सरप्लस क्षेत्रों से विद्युत स्थानांतरण को सुगम बनाने के लिए विद्युत संचरण में समान निवेश राशि की जरूरत होगी।
सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी पावर ग्रिड इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है। कंपनी ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के हिस्से के रूप में अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग 55 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इस योजना में 2012 तक इसकी अंतर-क्षेत्रीय विद्युत संचरण क्षमता को बढ़ा कर 37 हजार मेगावाट से भी अधिक किया जाना शामिल है। मौजूदा समय में यह क्षमता 17 हजार मेगावाट है।
वित्तीय वर्ष 2008 के दौरान कंपनी ने अपनी क्षमता 13,700 मेगावाट से बढ़ा कर 17000 की जिसमें 4800 किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइनें और 8 नए सब-स्टेशन भी शामिल हैं। इन नई क्षमताओं और परियोजनाओं का लाभ अगले चार से पांच वर्षों में दिखेगा।
अपनी राष्ट्रव्यापी संचरण प्रणाली की बदौलत पावर ग्रिड टेलीकॉम क्षेत्र में अवसर से लाभान्वित हो रही है। कंपनी 20 हजार किलोमीटर वाले एक फाइबर-ऑप्टिक केबल नेटवर्क का संचालन करती है जो 100 से अधिक भारतीय शहरों को जोड़ता है। कंपनी 60 से भी अधिक ग्राहक कंपनियों के इस नेटवर्क पर लीज से जुड़ी हुई है। इन ग्राहक कंपनियों में बीएसएनएल, टाटा कम्युनिकेशंस (पूर्व में वीएसएनएल), टाटा टेलीसर्विसेज, रिलायंस कम्युनिकेशंस और भारती एयरटेल जैसी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां शामिल हैं।
इस सेगमेंट से प्राप्त होने वाले राजस्व में 10 गुना वृद्धि हुई है। यह राजस्व वित्तीय वर्ष 2004 में 7.4 करोड़ रुपये था जो वित्तीय वर्ष 2007 में बढ़ कर 77.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गया और वित्तीय वर्ष 2008 के प्रथम 9 महीनों में यह 93.4 करोड़ रुपये रहा। वित्तीय वर्ष 2008 के लिए यह लगभग 130 करोड़ रुपये होने का अनुमान है । कंपनी ने मोबाइल सेवा प्रदाताओं के वर्तमान टावरों के लीज की भी योजना बनाई है। फिलहाल कंपनी के पास पूरे देश में लगभग 200,000 संचरण टावर हैं।
वैसे, 15=20 प्रतिशत या 30-40 हजार टावर लीज के लिए उपलब्ध हैं। कंपनी का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2011 तक उसका राजस्व 600-700 करोड़ रुपये का हो जाएगा। इन टावरों का किराया 35 से 40 हजार रुपये प्रति महीने है। वित्तीय वर्ष 2009 के लिए लीजिंग राजस्व 146 करोड़ रुपये (कुल मुनाफे का 7 प्रतिशत) और वित्तीय वर्ष 2010 के लिए 298 करोड़ रुपये (कुल मुनाफे का 11.5 प्रतिशत) होने का अनुमान है।
इसके अलावा कंपनी एपीडीआरपी और आरजीजीवीवाई के तहत सरकार संचालित कई परियोजनाओं के लिए परामर्श सेवा भी मुहैया करा रही है। कंपनी वैश्विक बाजारों में भी अवसरों की तलाश कर रही है और मौजूदा समय में यह विभिन्न वैश्विक परियोजनाओं पर काम कर रही है जिनमें भूटान पावर कॉर्प, ऊर्जा एवं जल मंत्रालय (अफगानिस्तान), नेपाल प्रमुख रूप से शामिल हैं।
राजस्व में विविधीकरण के लाभ, क्षमताओं का विस्तार और बेहतर औद्योगिक परिदृश्य और दूरसंचार कारोबार से प्राप्त लाभ जैसे कारक पावर ग्रिड के लिए आमदनी में दीर्घावधि दृश्यता प्रदान करते हैं।