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डेरिवेटिव सौदों के लिए विदेशी करेंसी और भारतीय रुपये में अकाउंट खोल सकेंगे प्रवासी: RBI

एक ब्रोकरेज कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इसका कोई अहम प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि यह विनियमन में केवल समन्वय है।’

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- May 10, 2024 | 10:56 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि अनिवासी भारतीय अधिकृत डीलर के जरिये डेरिवेटिव सौदों की मार्जिन राशि एकत्रित करने के लिए खाता खोल सकते हैं। केंद्रीय बैंक की अधिसूचना के अनुसार वे विदेशी मुद्रा और भारतीय रुपये में खाता खोल सकते हैं। बाजार के साझेदारों के अनुसार इसका कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।

एक ब्रोकरेज कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इसका कोई अहम प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि यह विनियमन में केवल समन्वय है।’ बहरहाल, मार्जिन जरूरतों के प्रतिबद्ध खाते से मार्जिन प्रबंधन और प्रवासियों के स्वीकृत डेरिवेटिव सौदों की साझेदारी बेहतर होगी।

भारत सरकार ने 6 मई, 2024 के राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की है।अन्य ब्रोकेज फर्म के अधिकारी ने कहा, ‘इससे फंड का प्रबंधन बेहतर होगा और विदेशी निवेशकों के लिए कारोबार करना आसान होगा। इसके अलावा मुझे कोई और असर दिखाई नहीं देता है।’

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एक अन्य ब्रोकरेज फर्म के एक कार्यकारी ने कहा, ‘इससे फंड का बेहतर प्रबंधन होगा और विदेशी निवेशकों के लिए व्यापार करना आसान हो जाएगा। इसके अलावा, मुझे कोई असर नहीं दिख रहा है।’

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वर्तमान में, RBI इंट्रेस्ट रेट डेरिवेटिव जैसे ब्याज दर स्वैप (interest rate swaps), फॉरवर्ड रेट एग्रीमेंट और इंट्रेस्ट रेट फ्यूचर्स के साथ-साथ विदेशी करेंसी फॉरवर्ड, करेंसी स्वैप और करेंसी ऑप्शन सहित विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव की अनुमति देता है। इसी तरह, इक्विटी डोमेन में, परमिटेड डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट, फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट, ऑप्शन्स कॉन्ट्रैक्ट और स्वैप कॉन्ट्रैक्ट शामिल हैं।

First Published : May 10, 2024 | 10:56 PM IST