देश के वित्तीय क्षेत्र को नए साल में एक नया रूप मिलने वाला है जहां करीब एक दर्जन बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को नया मुख्य कार्याधिकारी मिलेगा। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति भी पूरी तरह नए रूप में होगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर और मौद्रिक नीति समिति के चेयरमैन शक्तिकांत दास दिसंबर 2024 में अपना छह साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे। दास को सबसे पहले दिसंबर 2018 में तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था। मगर 2021 में उन्हें अगले तीन साल के लिए दोबारा नियुक्त किया गया।
दास अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पिछले सात दशक में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले आरबीआई गवर्नर होंगे। मई 2024 में केंद्र की नई सरकार बनेगी जो उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने पर निर्णय लेगी।
मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर और मौद्रिक नीति समिति के सदस्य माइकल पात्र का मौजूदा कार्यकाल भी जनवरी 2024 में समाप्त होने जा रहा है। सरकार ने जनवरी 2023 में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया था।
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मौद्रिक नीति समिति के तीन बाहरी सदस्यों- आशिमा गोयल, जयंत वर्मा और शशांक भिड़े को अक्टूबर 2020 में नियुक्त किया गया था। समिति के बाहरी सदस्यों का कार्यकाल चार साल का होता है और उसे बढ़ाया नहीं जा सकता। ऐसे में नए साल में मौद्रिक नीति समिति के बाहरी सदस्य भी नए होंगे।
आरबीआई के एक अन्य डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव का मौजूदा कार्यकाल भी अक्टूबर में खत्म हो जाएगा। अक्टूबर 2023 में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। अब यह देखना होगा कि सरकार दोनों डिप्टी गवर्नर का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लेती है अथवा नहीं।
साल 2024 में सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों में भी शीर्ष पदों पर नए चेहरे दिखेंगे। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा को 2023 में विस्तार मिला था। वह अगले साल अगस्त में 63 वर्ष की उम्र में अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा करेंगे।
दो अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी एवं सीईओ- पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के अतुल कुमार गोयल और इंडियन बैंक के एसएल जैन का मौजूदा कार्यकाल दिसंबर 2024 के अंत में समाप्त हो जाएगा।
जहां तक निजी क्षेत्र के बैंकों का सवाल है तो नए साल में कोटक महिंद्रा बैंक को एक नया एमडी एवं सीईओ मिलेगा। अशोक वासवानी जनवरी 2024 में कोटक महिंद्रा बैंक के नए एमडी एवं सीईओ के तौर पर अपना कार्यभार संभालेंगे। निजी क्षेत्र के ऋणदाता डीसीबी बैंक ने नए सीईओ की तलाश के लिए एक खोज समिति का गठन किया है।
बैंक के मौजूदा एमडी एवं सीईओ मुरली नटराजन का कार्यकाल अप्रैल 2024 में खत्म होने जा रहा है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, कोई व्यक्ति अधिकतम 15 साल तक ही किसी निजी बैंक का सीईओ बना रह सकता है।
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फेडरल बैंक के एमडी एवं सीईओ श्याम श्रीनिवासन का मौजूदा कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त जो जाएगा। वह 14 साल पूरा कर लेंगे और उन्हें एक साल का विस्तार दिया जा सकता है। इसी प्रकार, जम्मू ऐंड कश्मीर बैंक के एमडी एवं सीईओ बलदेव प्रकाश अपना तीन साल का पहला कार्यकाल दिसंबर 2024 में पूरा कर लेंगे। मगर वह अपने कार्यकाल में विस्तार के लिए पात्र होंगे।
तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के एमडी एवं सीईओ एस कृष्णन ने इस साल सितंबर में इस्तीफा दे दिया था। कृष्णन अभी सीईओ पद पर बने रहेंगे। फिलहाल बैंक उनका उत्तराधिकारी तलाशने की प्रक्रिया में है। इसी प्रकार, जेके शिवन ने धनलक्ष्मी बैंक के एमडी एवं सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक फिलहाल नए सीईओ की तलाश में है। शिवन जनवरी तक धनलक्ष्मी के साथ मौजूद रहेंगे।
नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनैंस बैंक ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गज बैंकर एसके कालरा को अंतरिम एमडी एवं सीईओ नियुक्त किया गया है। कालरा रूपाली कलिता की जगह लेंगे जिन्होंने हाल में इस्तीफा दे दिया था। दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों- एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा फाइनैंस- में भी नए साल में नए चेहरे दिखेंगे। एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स ने घोषणा की है कि उसके मुख्य परिचालन अधिकारी सुदीप्त रॉय जनवरी 2024 में दीनानाथ दुभाषी की जगह एमडी एवं सीईओ का पदभर संभालेंगे। दुभाषी अप्रैल में सेवानिवृत्त होने तक बोर्ड में निदेशक बने रहेंगे।