अर्थव्यवस्था

कम हो गया देश का चालू खाते का घाटा, GDP का 1%

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में चालू खाते के घाटे में नरमी की मुख्य वजह वस्तुओं के व्यापार घाटे में कमी रही।

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अभिजित लेले   
Last Updated- December 26, 2023 | 10:59 PM IST

भारत का चालू खाते का घाटा (सीएडी) सितंबर 2023 में समाप्त तिमाही के दौरान एक तिमाही पहले के मुकाबले कम होकर 8.3 अरब डॉलर अथवा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 1 फीसदी रहा। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा 9.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का करीब 1.1 फीसदी रहा था। एक साल पहले की समान अव​धि यानी वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में भारत का चालू खाते का घाटा 30.9 अरब डॉलर यानी जीडीपी का करीब 3.8 फीसदी दर्ज किया गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में चालू खाते के घाटे में नरमी की मुख्य वजह वस्तुओं के व्यापार घाटे में कमी रही। तिमाही के दौरान वस्तुओं का व्यापार घाटा 61.0 अरब डॉलर रहा जो वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 78.3 अरब डॉलर रहा था।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री एवं प्रमुख (अनुसंधान एवं आउटरीच) अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में भारत का चालू खाते का घाटा 8.3 अरब डॉलर पर 13 अरब डॉलर की अपेक्षा से काफी कम रहा। इसे मुख्य तौर पर उम्मीद से कम वस्तु व्यापार घाटे से बल मिला।

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प्राथमिक आय खाते से शुद्ध व्यय सितंबर 2023 तिमाही में बढ़कर 12.2 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 11.8 अरब डॉलर रहा था। प्राथमिक आय खाते से शुद्ध व्यय मुख्य तौर पर निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है। निजी हस्तांतरण रिसीट 28.1 अरब डॉलर रही जो एक साल पहले की समान अव​​धि के मुकाबले 2.6 फीसदी अ​धिक है। निजी हस्तांतरण रिसीट मुख्य तौर पर विदेश में कार्यरत भारतीयों से धन प्रेषण को दर्शाती हैं।

जहां तक वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में भुगतान संतुलन (बीओपी) की बात है तो भंडार में 2.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 30.4 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई थी।

First Published : December 26, 2023 | 6:43 PM IST