वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने पेंशन कोष उद्योग की अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने विकसित भारत के विजन के लिए सभी एजेंसियों की सक्रिय सहभागिता पर जोर दिया है। उन्होंने बताया, ‘संपत्तियों पर 90 प्रतिशत कब्जा तीन पेंशन फंडों – एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई का है। इसका अर्थ यह है कि पेंशन उद्योग को देश में उद्योग में विविधता लाने के लिए अन्य फंड प्रबंधकों से अधिक जुड़ाव और आकांक्षा की जरूरत है। विकसित भारत का विजन सभी एजेंसियों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान करता है।’
उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की तरह ही वित्तीय संस्थानों को धोखाधड़ी से बचाव के लिए अतिरिक्त एग्रीगेटर की आवश्यकता है। एनपीसीआई समग्र निरीक्षण का तरीका मुहैया करवाती है और इससे बैंक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का इस्तेमाल कर चेतावनी जारी करते हैं और धोखाधड़ी वाले लेन देन को अस्वीकार कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की वित्त वर्ष 24 की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 24 में बीते साल की तुलना में बैंक धोखाधड़ी 166 प्रतिशत बढ़कर 36,075 हो गई।
रिजर्व बैंक ने दिसंबर में खामियों को न्यूनतम करने और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नैशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली के लिए लाभार्थी खाता की सुविधा शुरू की।