Adani Enterprises Share: अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज का 25,000 करोड़ रुपये का राइट्स ऑफर 25 नवंबर को खुलने जा रहा है। यह 10 दिसंबर तक खुला रहेगा। कंपनी के बोर्ड ने हाल ही में इस राइट्स ऑफर को मंजूरी दी थी। इसके लिए शेयर प्राइस 1,800 रुपये प्रति तय किया गया है। यह शेयर के मौजूदा भाव 2438 रुपये से करीब 650 रुपये कम है। अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर सोमवार को बीएसई पर सुबह 10:40 बजे 0.15% चढ़कर 2442.45 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे।
बता दें कि अदाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज आंशिक तौर पर चुकता राइट्स इश्यू के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। यह इस साल का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है। इसकी रिकॉर्ड डेट 17 नवंबर है। इसका मतलब है कि आज सोमवार को अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर एक्स-राइट ट्रेड करेंगे।
कंपनी इस रकम का इस्तेमाल अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के अलावा हवाई अड्डा, डेटा सेंटर, रिन्यूएबल एनर्जी और सड़क निर्माण क्षेत्र में अगले चरण की वृद्धि को रफ्तार देने के लिए करेगी। यह इस साल देश में इक्विटी के जरिये रकम जुटाने की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक होगी।
अदाणी ग्रुप की कंपनी ने बताया कि वह कुल 13,85,01,687 राइट्स इक्विटी शेयर जारी करेगी। इनकी कुल राशि 24,930.30 करोड़ रुपये होगी। ये शेयर आंशिक रूप से भुगतान किए जाने वाले होंगे और इनका फेस वैल्यू 1 रुपये प्रति शेयर होगा।
राइट्स इक्विटी शेयर 3:25 के रेश्यो में मिलेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर रिकॉर्ड डेट पर आपके पास अदाणी एंटरप्राइजेज के 25 फुली पेड शेयर हैं, तो आपको 3 राइट्स शेयर लेने का मौका मिलेगा।
कंपनी ने बताया कि शेयरधारकों को हर शेयर के लिए 1,800 रुपये एक साथ नहीं देने होंगे। रकम तीन किस्तों में ली जाएगी। आवेदन के समय 900 रुपये देने होंगे। इसके बाद दो किस्तें और आएंगी, जिन्हें ‘फर्स्ट कॉल’ और ‘सेकंड कॉल’ कहा जाता है। इन दोनों में 450-450 रुपये चुकाने होंगे। पहली कॉल की अवधि 12 जनवरी से 27 जनवरी 2026 तक रहने की संभावना है।
राइट्स इश्यू वह प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने पुराने या मौजूदा शेयरधारकों को छूट पर नए शेयर खरीदने का मौका देती है। कंपनियां इस पैसे का इस्तेमाल कारोबार बढ़ाने, कर्ज चुकाने या अन्य जरूरतों को पूरा करने में करती हैं।
कंपनियां राइट्स इश्यू इसलिए लाती हैं ताकि वे अपने कारोबार का विस्तार कर सकें, नए प्रोजेक्ट शुरू कर सकें या अपने ऊपर मौजूद कर्ज को कम कर सकें। यह तरीका बैंक से महंगा लोन लेने से बेहतर होता है, क्योंकि कंपनी सीधे अपने शेयरधारकों से पैसा जुटाती है। इससे कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत होती है और उसकी वित्तीय स्थिति बेहतर बनती है। इसके साथ ही, राइट्स इश्यू पुराने शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि उन्हें सस्ते दाम पर नए शेयर खरीदने का मौका मिलता है। यही कारण है कि कई कंपनियां फंड जुटाने के लिए राइट्स इश्यू का सहारा लेती हैं।