वित्त-बीमा

RBI ने कहा: हम आर्थिक पूंजी और मजबूत बहीखाते के सहारे सार्वजनिक नीति दायित्व निभाने में सक्षम

आरबीआई ने कहा कि अपने बहीखाते में लगभग 25 प्रतिशत आर्थिक पूंजी के साथ उसे इन दायित्वों के निर्वहन में परेशानी नहीं होगी

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अनुप्रेक्षा जैन   
Last Updated- November 14, 2025 | 10:20 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि वह अपने संसाधनों से  मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए सार्वजनिक नीति दायित्वों को प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम है। आरबीआई ने कहा कि अपने बहीखाते में लगभग 25 प्रतिशत आर्थिक पूंजी के साथ उसे इन दायित्वों के निर्वहन में परेशानी नहीं होगी। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर शिरीष चंद्र मुर्मू ने शुक्रवार को इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सेंट्रल बैंक अकाउंटिंग प्रैक्टिसेस में यह बात कही।

मुर्मू ने कहा,‘पिछले कुछ वर्षों में विवेकपूर्ण लेखा नीतियों की मदद से आरबीआई  के पास एक मजबूत और लचीला बहीखाता है। जोखिम प्रबंधन के रूप में अर्जित पूंजी और पुनर्मूल्यांकन राशि बहीखाते का क्रमशः 7.5 प्रतिशत और 17.4 प्रतिशत है।‘

उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास आर्थिक पूंजी ढांचा (ईसीएफ) के तहत एक पारदर्शी, सार्वजनिक रूप से घोषित और नियम-आधारित अधिशेष वितरण नीति है। मुर्मू ने कहा कि ईसीएफ के अंतर्गत रियलाइज्ड इक्विटी के अंतर्गत मौद्रिक एवं वित्तीय स्थिरता जोखिम, साख जोखिम और परिचालन जोखिम आते हैं जबकि पुनर्मूल्यांकन खाता बाजार से जुड़े जोखिमों से निपटता है।

उन्होंने कहा,‘आवश्यक प्रावधान करने के बाद शेष अधिशेष सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाता है। ईसीएफ की शुरुआत के बाद आरबीआई  ने कोविड-19 महामारी और उसके बाद की वैश्विक मौद्रिक सख्ती जैसी अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के बावजूद लगातार जोखिम से निपटने के प्रावधान निर्धारित स्तरों पर बनाए रखा है।‘ उन्होंने यह भी कहा कि ईसीएफ की हाल ही में आंतरिक रूप से समीक्षा हुई है और जोखिम मूल्यांकन और अधिक विस्तृत बनाया गया है। मुर्मू ने कहा कि आरबीआई ने वर्षों से अर्जित मुनाफे से आपात कोष और परिसंपत्ति विकास कोष (एडीएफ) के लिए प्रावधान किए हैं।

उन्होंने कहा,‘आरबीआई दैनिक आधार पर पूरी विदेशी मुद्रा खाते का पुनर्मूल्यांकन करता है और अमोर्टाइज्ड वैल्यूएशन के लिए किसी भी हिस्से को अलग नहीं करता है। सभी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों और सोने को प्रतिदिन बाजार विनिमय दरों पर भारतीय रुपये में बदला जाता है जो सीजीआरए  के तहत दिखाई देता है। घरेलू प्रतिभूतियों को साप्ताहिक आधार पर और प्रत्येक महीने के अंत में मार्क-टू-मार्केट किया जाता है।’

First Published : November 14, 2025 | 10:03 PM IST