facebookmetapixel
Upcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों सेट्रंप ने दी दीपावली की बधाई, मोदी बोले – आपके कॉल के लिए धन्यवाद, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएंआरबीआई बदल सकता है नियम, बैंक बिना पूर्व अनुमति बना सकेंगे सहायक कंपनियांप्रवासी भारतीयों ने कम भेजा धन, अप्रैल-जुलाई के दौरान घटकर 4.7 अरब डॉलरक्या मोदी जाएंगे कुआलालंपुर? पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर सस्पेंस बरकरारउपेंद्र कुशवाहा बोले – नीतीश ही रहेंगे NDA का चेहरा, बिहार चुनाव में नेतृत्व को लेकर नहीं कोई मतभेदकोविड के बाद मांग में उछाल से कंपनियों का मुनाफा तीन गुना बढ़ापराली जलाने में कमी के बावजूद बढ़ा प्रदूषणमैग्नेट रिसाइक्लिंग पर जोर, पीएलआई योजना में शामिल करने की सिफारिश

नाबार्ड, सिडबी और इरेडा ने अल्पावधि बॉन्ड से 14,000 करोड़ रुपये जुटाए, ब्याज दर में कटौती की उम्मीद

लंबी अवधि के बॉन्ड पर ऊंची यील्ड के चलते मध्यम-अल्पकालिक बॉन्ड को दी प्राथमिकता, नीतिगत दर में कमी के बाद दीर्घावधि उधारी सस्ती होने का अनुमान

Last Updated- March 19, 2025 | 10:28 PM IST
Bonds

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्‍था लिमिटेड (इरेडा) ने बुधवार को घरेलू पूंजी बाजार से मध्यम से लेकर अल्प अवधि के बॉन्ड के जरिये 14,000 करोड़ रुपये जुटाए। यह उनके आमतौर पर दीर्घावधि बॉन्ड को प्राथमिकता देने के रुझान में बदलाव को दर्शाता है। दरअसल, दीर्घावधि बॉन्ड की अधिक आपूर्ति के कारण यील्ड ऊंची हो गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक अप्रैल और जून में नीतिगत दरों में कटौती करेगा। इस वजह से बॉन्ड जारीकर्ताओं ने अल्पावधि के बॉन्ड विकल्प को चुना है। उनका अनुमान है कि ब्याज दर में कटौती से दीर्घावधि के बॉन्ड की यील्ड एक बार घटने के बाद दीर्घावधि की उधारी की लागत अधिक मुनासिब हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक नाबार्ड ने बुधवार को 3.5 वर्ष की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड पर 7.48 फीसदी की कूपन दर पर 7,000 करोड़ रुपये जुटाए।

First Published - March 19, 2025 | 10:28 PM IST

संबंधित पोस्ट