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एक उम्र के बाद डेट में ज्यादा निवेश जरूरी

Last Updated- December 10, 2022 | 12:21 AM IST

मैं  59 साल का वकील हूं और अभी वकालत कर रहा हूं। मैं 65 साल की उम्र में रिटायर होना चाहता हूं। मेरे निवेश का मौजूदा पोर्टफोलियो निम्न प्रकार से है:
शेयर और म्युचुअल फंडों में- 35 लाख रुपए पीपीएफ में- दस लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में- 11 लाख रुपए
ऑफिस की कीमत- 25 लाख रुपए
मैं अपने इक्विटी और म्युचुअल फंड के निवेश को लेकर चिंतित हूं क्योकि उसकी मौजूदा कीमत घटकर आधी हो गई है। लेकिन इसके बावजूद मैं अपना पैसा रिटायरमेंट तक नहीं निकालना चाहता हूं।
इसके अलावा अपने रिटायरमेंट तक मैं हर साल पांच लाख रुपए और निवेश करना चाहता हूं। रिटायरमेंट के बाद मैं अपना ऑफिस भी बेच देना चाहता हूं। तब तक मैं सवा करोड़ रुपए इकट्ठा कर लेना चाहता हूं। इसके लिए मैं क्या करूं?
किसी भी निवेश के ध्येय को पूरा करने या हासिल करने के लिए सबसे पहला और सबसे अहम कदम होता है सपने को सच से जोड़ कर देखना और अच्छी बात यह है कि आप इस काम में बखूबी निभा रहे हैं।
आपका निवेश का ध्येय उचित और तर्कसंगत लगता है। और इसे हासिल करने के लिए आप सही दिशा में हैं। आपके निवेश का मूल्य करीब आधा हो गया है, वो इसलिए कि आपने तब पैसा लगाया था जब बाजार ऊपर जा रहा था। पिछले साल बाजार के हालातों में भारी बदलाव आया है। इस समय सब्र से काम लेने की जरूरत है।
शेयर बाजार में भरोसा रखने की जरूरत है और जैसा कि आपने कहा है निवेश करना बंद नहीं करें। बाजार की मौजूदा हालत बहुत आकर्षक भले ही न लगे लेकिन लंबी अवधि के निवेश के लिए यही सही समय है।
आइए अब देखते हैं कि सवा करोड़ जुटा लेने का आपका ध्येय क्यो रियलिस्टिक यानी यथार्थवादी है। यह मान कर कि आपको सालाना दस फीसदी का रिटर्न मिल रहा है आपका 17.53 करोड़ का मौजूदा निवेश आपके रिटायरमेंट तक बढ़कर 34.17 लाख रुपए का हो जाएगा।
इसके अलावा अगले सात साल आप सालाना पांच लाख रुपए जमा करेंगे, इसे चालीस हजार महीने के एसआईपी में बांट दिया जाए तो यह मानकर कि वही रिटर्न यहां भी मिल रहा है यह रकम बढ़कर 47.9 लाख रुपए तक हो सकती है। यानी इक्विटी और फंड से आपका कुल कॉर्पस इस दौरान बढ़कर 82.07 लाख रुपए का हो जाएगा।
इसके अलावा आपकी प्रॉपर्टी से मिलने वाला पैसा और एफडी और पीपीएफ का पैसा जोड़ लिया जाए तो 1.25 करोड़ का कॉर्पस बना पाना कहीं से भी मुश्किल नहीं है। आपके पोर्टफोलियो की सही बात यह है कि जानकर या अनजाने में आपने सही इक्विटी-डेट का अनुपात बना रखा है।
यह अनुपात 45:55 का है। यह आदर्श है क्योकि जब आप रिटायरमेंट के इतने करीब हों तो आपको इक्विटी पर संपत्ति बनाने के लिए बहुत ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए। डेट हमेशा इक्विटी की अनिश्चितता से निपटने में मदद करता है।
एक और अच्छी बात यह है कि आपके पोर्टफोलियो की गुणवत्ता सही है, हालांकि आपने अच्छे फंडों और शेयरों का चुनाव किया है लेकिन आपने काफी ज्यादा चुन लिए हैं। यानी पोर्टफोलियो में काफी ज्यादा फंड और शेयर हैं जो आगे आपके ध्येय में अडचन पैदा कर सकते हैं। लिहाजा आपको अपने इक्विटी पोर्टफोलियो को रीस्ट्रक्चर करने की जरूरत है। 
आइए देखते हैं आपके पोटफोलियो में क्या दिक्कत है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है-
दिक्कतें-

1-डाइवर्सिफिकेशन
आपके पोर्टफोलियो में 23 फंड और 19 स्टॉक हैं, जो जुड़ कर कुल 297 स्टॉक बन जाते हैं। यानी जरूरत से ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन है। 

2-कैपिटल एलोकेशन
पोर्टफोलियो में 40 फीसदी एक्सपोजर मिड और स्माल कैप के शेयरों में है जो इसे काफी वोलाटाइल और जोखिम भरा बनाता है। 

3- अनियमित निवेश
आपकी निवेश एप्रोच में एक अनुशासन नहीं है और निवेश नियमित होने के बजाए बीच बीच में एकमुश्त किये गए हैं। 

4-सेक्टरों में एक्सपोजर
पोर्टफोलियो का झुकाव एनर्जी सेक्टर की ओर ज्यादा है और 30.61 फीसदी निवेश इसी सेक्टर में है। एक ही सेक्टर में बहुत ज्यादा निवेश से प्रदर्शन उसी पर निर्भर हो जाता है।

संभावित हल

1- कम फंडों का चयन करें, जिनका रिकार्ड बेहतर हो।
कम फंडों वाले पोर्टफोलियो से पर्याप्त डाइवर्सिफिकेशन तो होता ही है, बल्कि आप उनका प्रदर्शन ठीक से ट्रैक भी कर सकते हैं।

2-कोर होल्डिंग लार्ज कैप फंडों में होनी चाहिए।
लार्ज कैप फंडों में ज्यादा एक्सपोजर से वोलाटैलिटी तो घटती ही हैस पोर्टफोलियो में कंसन्ट्रेशन भी रहता है। 

3-नियमित रूप (सिस्टमैटिकली) से निवेश करें।
सिस्टमैटिक निवेश से आपके निवेश की एप्रोच में अनुशासन आएगा।

4-प्रत्यक्ष इक्विटी निवेश से बचें।
शेयर बाजार में सीधे निवेश के लिए बाजार की अच्छी जानकारी और समझ की जरूरत होती है। इसमें समय भी देना पड़ता है, लिहाजा बाजार में सीधे निवेश से बचा जाना बेहतर है, खासकर जब आप इक्विटी फंडों में निवेश कर रहे हों। 

5- पोर्टफोलियो को साल मे एक बार रीबैलेंस करें।
चूंकि आपका इक्विटी और डेट का अनुपात उचित है, आपको साल में एक बार अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करना चाहिए ताकि यह अनुपात बरकरार रहे। 

ऊपर दी गई बातों को ध्यान रखें। यहां दिया गया मॉडल पोर्टफोलियो आपको आपका लक्ष्य पाने में मदद कर सकता है। शुभकामनाएं।

First Published - February 8, 2009 | 8:44 PM IST

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