कोविड-19 के दौरान गैर जीवन बीमा उद्योग में स्वास्थ्य बीमा की अहम हिस्सेदारी थी, लेकिन वित्त वर्ष 23 के आखिर में अन्य क्षेत्रों ने भी इसकी वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक गैर जीवन बीमा उद्योग का प्रीमियम करीब 17 प्रतिशत बढ़कर 2.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। गैर जीवन बीमा उद्योग में जनरल इंश्योरेंस, स्वास्थ्य बीमा और विशेषीकृत पीएसयू बीमा शामिल होते हैं।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 24 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं बाहन बीमा प्रीमियम 16 प्रतिशत बढ़ा है। गैर जीवन बीमा कारोबार में इन दोनों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से ज्यादा है।
महामारी शुरू हुई तो वाहन बीमा क्षेत्र में सुस्ती आ गई थी और इस क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई। इसकी कई वजहें थीं, जिसमें प्राधिकारियों द्वारा यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया जाना, वाहनों की कम बिक्री, चिप की कमी आदि शामिल है। लेकिन धीरे इस क्षेत्र की वृद्धि बहाल हुई है, क्योंकि उपरोक्त उल्लखित वजहें कम हुईं। बहरहाल यहअभी भी स्वास्थ्य के बाद जनरल इंश्योरेंस सेक्टर में दूसरे स्थान पर बना हुआ है। महामारी के पहले वाहन बीमा सेग्मेंट पहले स्थान पर रहता था। वित्त वर्ष 22 में वाहन बीमा प्रीमियम में करीब 4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। इसके पहले के साल में वाहन प्रीमियम 1.7 प्रतिशत घटा था।
निजी क्षेत्र के एक वरिष्ठ बीमा अधिकारी ने कहा, ‘महामारी का डर खत्म होने की वजह से वाहन बीमा का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। वृद्धि के आंकड़ों में आधार का थोड़ा असर है, लेकिन कुल मिलाकर वाहनों की बिक्री बढ़ी है। चिप की समस्या भी कम हुई है। इसकी वजह से वाहन बीमा में तेजी आईहै। ग्रामीण इलाकों में दोपहिया वाहन सेग्मेंट में सुस्ती है, जिसे लेकर हमें साल के अंत तक का इंतजार करना है कि क्या स्थिति रहती है।’बहरहाल स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में तेजी बरकरार है और इस साल अब तक 20 प्रतिशत से ऊपर वृद्धि बनी हुई है।