वित्त-बीमा

जीएसटी दरों में बदलाव और ITC हटाने से बीमा कंपनियों के मुनाफे पर पड़ेगा असर

बीमा कंपनियों ने जीएसटी कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दे दिया है। वे वितरकों के साथ इस प्रभाव को बांटने के इच्छुक हैं

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आतिरा वारियर   
Last Updated- October 13, 2025 | 10:36 PM IST

वर्ष 2025-26 में जुलाई से अगस्त (वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही) में जीवन और सामान्य बीमा कंपनियों की लाभप्रदता पर असर पड़ने की आशंका है। विश्लेषकों के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में बीते माह बदलाव लागू होने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हटाने से बीमा कंपनियों की लाभप्रदता पर दबाव पड़ सकता है।

बीमा कंपनियों ने जीएसटी कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दे दिया है। वे वितरकों के साथ इस प्रभाव को बांटने के इच्छुक हैं। जीवन बीमा कंपनियों की लाभप्रदता कई कारकों से प्रभावित होने की आशंका है। बीमा कंपनियों की लाभप्रदता का आकलन न्यू बिजनेस के मूल्य (वीएनबी) के मार्जिन से किया जाता है। इन कंपनियों की लाभप्रदता कई कारकों से प्रभावित होती हैं। इन कारकों में प्रोडक्ट मिक्स चार्ज, व्यय पर जीएसटी हानि और यील्ड बढ़ना शामिल हैं।

विश्लेषकों के अनुसार निजी कंपनियों के वीएनबी मार्जिन पर सालाना आधार की तुलना में 50 से 150 आधार अंक का प्रभाव पड़ सकता है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के

विश्लेषकों के अनुसार, ‘जीवन बीमा कंपनियों के लिए आईटीसी का नुकसान वीएनबी मार्जिन करीब 164 से 200 आधार अंक होगा। हम यह मानते हैं कि आईटीसी वितरण कमीशन की हानि और वितरकों या ग्राहकों से बोझ को साझा किए बिना संचालन लागत बढ़ने से लागत बढ़ती है।’ इस तिमाही में आधार प्रभाव के कारण सालाना प्रीमियम समतु्लय (एपीई) के सुस्त रहने की उम्मीद है।

First Published : October 13, 2025 | 10:20 PM IST