देवाशिष पांडा ने मार्च 2022 में बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (Irdai) की कमान संभालने के बाद कई बदलाव किए हैं। पांडा के आने के बाद हुए ये बदलाव बीमा बीमा क्षेत्र के लिए काफी महत्त्वपूर्ण एवं उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं।
इन बदलावों का लक्ष्य मौजूदा बीमा कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता बढ़ाना रहा है। इसके अलावा बीमा क्षेत्र में नई पूंजी भी आकर्षित करना इन बदलावों के केंद्र में रहा है ताकि देश में बीमा सेवाओं की पहुंच अधिक से अधिक लोगों तक हो पाए।
पांडा के अनुसार 2047 तक देश के प्रत्येक नागरिक के पास पर्याप्त जीवन, स्वास्थ्य एवं जायदाद का बीमा पॉलिसियां होनी चाहिए। इसके साथ प्रत्येक उद्यम को बीमा सुरक्षा के अंतर्गत लाना भी लक्ष्य रहा है।
पांडा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के उत्तर प्रदेश कैडर के 1987 बैच के अधिकारी हैं। पांडा वित्तीय सेवा विभाग में बतौर सचिव भी काम कर चुके हैं। वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव और वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त एवं विशेष सचिव के पदों पर भी काम कर चुके हैं।
Irdai के चेयरमैन के रूप में पांडा ने कई सुधार कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें ‘फाइल ऐंड यूज’ व्यवस्था से ‘यूज ऐंड फाइल’ व्यवस्था की तरफ कदम, एक्सपेंस ऑफ मैनेजमेंट सीमाओं में बदलाव और बीमा ट्रिनिटी कार्यक्रम (बीमा सुगम, बीमा विस्तार और बीमा वाहक) आदि शामिल रहे हैं।