वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि अगर जीएसटी परिषद स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी दर में कमी की सिफारिश करती है, तो पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जीएसटी परिषद ने 9 सितंबर की अपनी बैठक में जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मुद्दों पर समग्र रूप से विचार करने के लिए मंत्री-समूह (जीओएम) के गठन की सिफारिश की थी।
उन्होंने कहा, ‘जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों की समीक्षा का मामला जीओएम के समक्ष लंबित है। अगर जीएसटी परिषद द्वारा जीएसटी दर में कमी की सिफारिश की जाती है, तो जीएसटी में कमी के कारण पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है।’
उन्होंने कहा, ‘चूंकि जीएसटी दरें बीमा प्रीमियम के ऊपर लागू होती हैं। इसलिए यदि जीएसटी दर कम की जाती है, तो इससे पॉलिसी धारक को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर कई बीमा कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धी बाजार में ऐसा होने की संभावना है।’ वर्तमान में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी देय है।
75% जीएसटी राजस्व 18% स्लैब से
सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में जमा किए गए जीएसटी राजस्व का लगभग 70-75 प्रतिशत इस कर के 18 प्रतिशत स्लैब से आया, जबकि केवल 5-6 प्रतिशत राशि 12 प्रतिशत वाले स्लैब से आई। वित्त वर्ष 2023-24 के वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) राजस्व का केवल 6-8 प्रतिशत 5 प्रतिशत स्लैब से था जबकि 28 प्रतिशत के उच्चतम कर स्लैब ने पिछले वित्त वर्ष में राजस्व में 13-15 प्रतिशत का योगदान दिया था।
क्रिप्टो कंपनी पर कर चोरी का मामला
जीएसटी अधिकारियों ने क्रिप्टो एक्सचेंज और बाइनेंस ग्रुप कंपनी, नेस्ट सर्विसेज लिमिटेड के खिलाफ 722.43 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला दर्ज किया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कुल मिलाकर, 824.14 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के लिए 17 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।