भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा है कि जीवन बीमाकर्ता कंपनियों को सामूहिक व्यवसाय के लिए नियामक के साथ दाखिल किए गए प्रीमियम कोटेशन में परिवर्तन करने की अनुमति दी गई है।
हालांकि, इन कोटेशनों का नियुक्त किए गए एक्चुअरी से अनुमोदित होना जरुरी है और इसे विशुध्द जीवन बीमा कवर के वार्षिक रिन्यूएबल प्रीमियम पर लागू किया जाएगा।सामूहिक और वैयक्तिक दोनों प्रकार के इमेडिएट एन्युईटी पॉलिसी के मामले में बीमा कंपनियां जब कभी बाजार में नए उत्पादों को पेश करती है तो उन्हें वर्तमान प्रक्रिया अपनाकर ही नियामक से अनुमति लेनी होगी।
इन उत्पादों के लांच के बाद जीवन बीमाकर्ताओं को दाखिल की गई दरों के 10 प्रतिशत के दायरे में एन्युईटी दरों को बदलने की अनुमति होगी। अगर बीमाकर्ता प्रीमियम दरों में 10 प्रतिशत से अधिक का बदलाव करना चाहते हैं तो उन्हें नियामक की अनुमति लेनी होगी।इरडा के एक्चुअरी सदस्य आर कानन ने कहा, अक्सर ब्याज दर हालातों को देखते हुए जीवन बीमाकर्ता कंपनियों को सक्षम परिसंपत्ति-जिम्मेदारी प्रबंधन के लिए जल्दी-जल्दी एन्युईटी की दरों में परिवर्तन करना होता हैं।
वर्तमान प्रस्तावित व्यवस्था इस दिशा में कंपनियों की मदद करेगा।वर्तमान में जीवन बीमाकर्ताओं को नए उत्पाद पेश करने और किसी प्रकार के परिवर्तन के लिए पहले से निर्धारित प्रक्रिया अपनानी होती है और नियामक की अनुमति लेनी होती है। प्रस्तावित नए उपाय अगले महीने से प्रभावी हो जाएंगे।