पेटीएम की प्रवर्तक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के निदेशक मंडल ने कंपनी में कारोबारी प्रशासन बेहतर और मजबूत करने के लिए एक सलाहकार समिति बनाने का फैसला किया है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को आज बताया कि तीन सदस्यों की इस समिति की अध्यक्षता भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन रह चुके एम दामोदरन करेंगे। कल ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा था कि उसने भी पेटीएम पेमेट्स बैंक द्वारा लगातार नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने के कारण कार्रवाई की है और उसमें पेटीएम ऐप का कोई दोष नहीं है।
कंपनी ने बताया कि सलाहकार समिति अनुपालन तथा नियामकीय व्यवस्था मजबूत करने के लिए वन97 कम्युनिकेशंस के निदेशक मंडल के साथ मिलकर काम करेगी। समिति में भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के पूर्व अध्यक्ष मुकुंद चितले और आन्ध्रा बैंक के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग के सलाहकार बोर्ड के सदस्य रामचंद्रन राजारामन भी हैं। जरूरत पड़ने पर समिति में और सदस्य भी लिए जाएंगे।
वन97 कम्युनिकेशंस ने कहा, ‘कंपनी प्रबंधन नियामकीय और अनुपालन व्यवस्था का पालन करते हुए कारोबार की लगातार वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।’
कंपनी ने यह कदम पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 1 मार्च से जमा-भुगतान समेत ज्यादातर कामकाज से रोकने के आरबीआई के आदेश के बाद उठाया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने बाहरी ऑडिटरों को नियुक्त करने के लिए आशय पत्र (आरएफपी) जारी किया है। ये ऑडिटर कंपनी की अनुपालन प्रक्रिया की जांच करेंगे।
मामले से वाकिफ सूत्रों ने दावा किया कि नोडल खातों की साझेदारी के लिए पेटीएम और बैंकों के बीच बातचीत जल्द ही पूरी होने वाली है। मगर इन खातों का जिम्मा संभालने के लिए आगे आने वाले बैंकों के नाम अभी पता नहीं चले हैं। नोडल खाता एक बैंक खाता होता है, जिसे इंटरमीडियरी खोलते हैं और उसमें ग्राहकों तथा वेंडरों की ओर से रकम रखी जाती है। पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई करते हुए आरबीआई ने कहा था कि वन97 कम्युनिकेशंस और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के नोडल खाते 29 फरवरी तक बंद कर दिए जाएंगे।
बाहरी ऑडिटरों के लिए जारी किए गए आरएफपी और नोडल खातों के लिए साझेदारी के बारे में पक्ष जानने के लिए पेटीएम से संपर्क किया गया मगर खबर लिखे जाने तक उसने कोई जवाब नहीं दिया।
सूत्रों ने कहा कि बड़े पैमाने पर केवाईसी के उल्लंघन से काले धन को सफेद बनाए जाने की चिंता खड़ी हो गई थी, जिसके कारण आरबीआई ने पिछले हफ्ते विजय शेखर शर्मा की अगुआई वाली फर्म पर सख्त कार्रवाई की थी। इस बीच वन कम्युनिकेशंस ने इस बात से इनकार किया है कि कंपनी, इसकी सहायक इकाइयों तथा संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी विजय शेखर शर्मा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है।
आरबीआई ने भी स्पष्ट किया है कि नियामकीय कार्रवाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ हुई है, पेटीएम ऐप के खिलाफ नहीं। आरबीआई ने कहा था कि वह अगले हफ्ते इस मसले पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों और उनके जवाबों की सूची जारी करेगी।